व्यंग … नरक ...पाकिस्तान को मिला एक नया नाम … |..….हिन्दू धर्म के अनुसार नरक उसको कहा जाता है जहाँ कर्मों का फल भोगा जाता है | यदि कर्म बुरे ज्यादा हों तो नरक ही मिलता है | जहाँ मन माफिक भोग विलास नहीं किया जा सकता है | मन हर समय कचोटता रहता है जिसके परिणाम स्वरुप आतंकवादी स्वाभाव बन जाता है | हर व्यक्ति यमदूतों सा प्रताड़ित करता नजर आता है | ………………….नरक जहाँ मौत के बाद ही जाना होता था किन्तु अब कलियुग की टेक्नोलॉजी सशरीर ही नरक का बोध करा देती है | नरक मन माफिक ख़ुशी न दे सकने को भी कहा जाता है | जिसको पाकिस्तान मन माफिक खुशी दे देता है उसके लिए पाकिस्तान नरक कैसे हो सकता है | नरक तो उसे नजर आएगा जिसे पाकिस्तान मैं दुःख कष्ट महसूस हो | ……..……सशरीर स्वर्ग तो नहीं जाया जा सकता है किन्तु नरक अवश्य जाया जा सकता है | नारकीय दुखों का आभास अवश्य किया जा सकता है | ……………आखिर सभी कर्म कैसे नरक गामी कर सकते हैं ….जीव अपने स्वाभावित कर्मों को करता हुआ पाप का भागी नहीं होता | ….शेर यदि अपने स्वाभाव वश शिकार करता है तो कैसे पाप का भागी होकर नरक मैं जायेगा | जिसका जो धर्म है वह यदि उसका पालन करता है तो कैसे पापी होकर नरक भोगेगा | यह सब गीता ज्ञान है | …..क्षत्रिय का धर्म युद्ध मार काट है तो कैसे वह पापी होकर नरक भोगेगा | ……………………………………………..पुण्यों के फल से मौत के बाद जीव स्वर्ग मैं जाता है | जहाँ उसको स्वर्गिक सुखों को भोग का वीटो पावर मिल जाता है | ………स्वर्ग हो या नरक जिसे जहाँ मन की शांति मिले ……| यह हर व्यक्ति की अलग अलग धारणाएं हो सकती हैं | किसी को स्वर्ग मैं आत्म शांति मिलती है तो किसी को नरक मैं | कोई (विश्वामित्र से )स्वर्ग का मार्ग चुनकर इन्द्रासन पाना चाहता है तो कोई नरक का ताज | .……………………….जिसको नरक का ताज मिल जाये वह कैसे नरक होगा | जिसको स्वर्ग मैं भी प्रताणनाएं भोगनी पढ़ें उसके लिए स्वर्ग भी नरक है | ……..धन वैभव ,भोग विलास युक्त स्थान ही स्वर्ग है | धर्म कर्म ही स्वर्ग है | …………………………….स्वर्ग के जीव स्वर्गिक सुखों का भोग करते नरक के जीवों को हे भाव से देखते हैं | वहीँ नरक के लोग स्वर्ग के लोगों से ईर्ष्या करते हैं | किन्तु स्वर्ग मैं पाप नहीं ,नरक मैं पूण्य नहीं यह कैसे हो सकता है | कौन स्वर्ग है कौन नरक यह कौन बताएगा | कभी स्वर्ग नरक सा लगता है तो कभी नरक स्वर्ग का भास करता है | ……स्वर्ग वासी अपने पुण्यों के फल भोगते जो पाप कर्म करते फिर नरक मैं जाते हैं | और नरक बासी अपने पाप कर्मों के फल भोग चुकने के बाद फिर स्वर्ग का भोग विलास भोगते हैं | ………………………………कभी स्वर्ग के देवताओं का पाताल के राक्षशों से बैर भाव होते युद्ध होता था | किन्तु अब स्वर्ग के देवताओं का बैर भाव नरक के भोगियों से रहता है | ……….स्वर्ग तो पाकिस्तान है ….यानि जो पाक यानि शुद्ध यानि पुण्यात्माओं का लोक है ….हिंदुस्तान तो हिन्दू यानि काफिरों का लोक है | .…………..………..किन्तु रक्षामंत्री पर्रिकर का मनोहर विचार स्वर्ग तो हिंदुस्तान लोक है | पाकिस्तान तो नरक है जहाँ हम जैसे पुण्यात्मा कभी नहीं जाते | स्वर्ग मैं न तो आतंकवाद है ,न भ्रष्टाचार है नाही चोरी गुंडागिर्दी ,डकैती ,और बलात्कार ही है | जो है भी तो सब मनुष्य के स्वाभाविक धर्मों की तरह है | स्वाभाविक धर्म कर्म पाप नहीं होते | जैसे शेर का स्वाभाव ….| …………………………………………………………………………………………………….. वहीँ अभिनेत्री राम्या तो नरक मैं सम्मानित होकर लौटी हैं उनकी आँखों देखी पाकिस्तान नरक नहीं हो सकता | ……………………यदि पाकिस्तान नरक होता तो क्यों हमारे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी वहां जाते | यह संशय कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह को है | …………………….यदि पाकिस्तान नरक होता तो हमारे देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण अडवाणी जी नरक वाशी जिन्ना की मजार पर पुष्पांजली अर्पित करते ….? ……………यदि पाकिस्तान नरक होता तो पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी लाहौर बस लेकर जाते ….? ………….दिग्विजय सिंह जी के संशय को उचित मान लिया जाये तो नरक आखिर कहाँ है | क्या भुक्त भोगियों को सत्य मान लिया जाये या उसके लिए मरना जरूरी होगा…..?………………………………………………………ॐ शांति शांति शांति
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