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“कन्हैया” .भये प्रकट कृपाला दीं दयाला

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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.भये प्रकट कृपाला दीं दयाला

कन्हैया अवतरण समय (जे एन यू फागुन कृष्ण पक्ष अष्टमी रात्रि १२ बजे )

“जब जब धर्म की हानि और अधर्म की बृद्धि होती है तब तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ ,साधु पुरुषों के उद्धार के लिए पाप कर्म करने वाले पापियों के नाश के लिए और धर्म की अच्छी तरह स्थापना करने के लिए मैं प्रकट हुआ करता हूँ ” ………..……. क्या कन्हैया का अवतरण भी कहीं धर्म की स्थापना के लिए ही तो हुआ है ..? पाप मरा नहीं है ,…..मैं पापी हूँ और जिन्दा हूँ शायद इसीलिये एक और अवतार हुआ है | …………….. लूटी पिटी राजनीतिक पार्टियां भगवन शिव से वरदान तो नहीं पा चुकी हैं | कन्हैया का अवतार से दलित ,पिछड़े ,किसान दीं हीं,लोग , शांति पा रहे हैं | छात्र , छात्र नेता ,आतंकवादी , देश द्रोही , राजद्रोही ,राजनीतिज्ञ ,किसान , जिसकी जैसी भावना वैसा ही स्वरुप देखा जा रहा है | पांच राज्यों मैं होने वाले चुनावों मैं कन्हैया ही लुटे पिटे देवताओं को अभयदान देते नजर आएंगे | श्री कृष्ण का शंखनाद सा ही लग रहा है | ………………………….. मीडिया और बड़े बड़े बुद्धीजीवी तो कन्हैया के विराट स्वरुप को पहिचान रहे हैं | जैसे भगवन कृष्ण और भगवन राम के स्वरुप को जन्म लेते ही पहिचान लिया था | वे विभिन्न नामों से विष्णु सहस्त्र नाम स्त्रोत्र की तरह जप रहे हैं|..…………………………………....विपक्ष के भक्त जन ,अपनी भक्ति मैं लीं भक्ति भाव से भी घबराते कही जीभ काटने या समूल नष्ट कर देने या जन्म से पाहिले ही नष्ट करने के प्रयास करने को उद्धत होने लगे हैं |………..………….सर्वत्र कन्हैया ,कन्हैया के उद्घोषों से ही भारत व्याप्त हो रहा है | कोई पाप के नाश की शांति पा रहा है तो कोई भयभीत हो मंत्रणाएँ कर रहा है | मीडिया ,राजनीतिज्ञ ,बुद्धीजीवी ,अपनी अपनी रोटियां सेंकते अपनी भूख प्यास मिटाने लगे हैं |………..आम जनता भ्रमित हो रही है ,क्या पिछले अवतार सच्चे नहीं थे | जिनको देव तुल्य समझते हैं वही छदम हो जाते हैं | गोरे चिट्टे अंग्रेजों को अवतार समझा किन्तु वे तो लुटेरों के भी लुटेरे निकले | उनके भय से कांग्रेस को अवतार समझा ,गांधी को अवतार समझा ,नेहरू को अवतार समझा ,उनको छली बता भारतीय जनता पार्टी को अवतार समझा ,गरीबी मिटाने वालों को अवतार समझा , अच्छे दिनों की आशा देने वालों को अवतार समझा ,समाजवाद की आशा देने वालों को अवतार समझा ,आम आदमी मैं अवतार समझा …..| ……………………………. कन्हैया तो छली ही होते हैं यही समझ हर बार छलियों से छाले जाते रहे | यही जानते हुए कन्हैया मैं फिर भ्रमित तो नहीं हो रहे | जो भी हो ७०प्रतिसत के करीब जनता उत्साहित है वहीँ दूसरी और भय भी देखा जा रहा है |………………………………………………..राजनीती मैं नए अवतारों को पाहिले सिर्फ मोहरे की तरह ही उपयोग किया जाता है | बाद मैं चाणक्य की तरह ही राज पाठ दिया जाता है | …….भगवन श्री कृष्ण की गीता के उपदेश से ही राजनीतिज्ञ कर्म प्रधान होकर ही अपना उद्धार करते रहे हैं | समझदार राजनीतिज्ञ वही होता है ,जो गीता के ज्ञान को साधारण जन के लिए नहीं उपलब्ध होने देते हैं | अपनी गीता ज्ञान से मिली महान जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने सर्व सुलभ गीता ज्ञान करने का बीड़ा उठाया और अपने मार्ग मैं कांटे बिखेरे | दिल्ली खोयी ,विहार खोया हरियाणा बर्वाद होने दिया और कन्हैया अवतार को मजबूर होना पड़ा | समझदार अपनी सफलताओं के साधनों को जगजाहिर नहीं होने देता है |…………………………………………………………………………….. ८० प्रतिसत गरीब जनता के देश मैं पूंजीबाद एक श्राप क्यों नहीं लगेगा गरीब जनता को ,,,,? कुछ चन्द पूंजी पति ही गरीब जनता को कटोरा लेकर घूमने को क्यों मजबूर करते हैं यह गरीब जनता को समझ आ जाये तो यह उनके लिए एक अवतार का वरदान ही होगा ,क्यों नहीं उसको नया अवतार माना जाये | पूरी दुनियां से समाप्त होते समाजवाद बामपंथ को एक आशा की किरण केवल भारत मैं ही दिखाई जा सकती है | क्या सोये सुसुप्त पड़े बामपंथी इस अवतार को भूना सकेंगे …..? बाम पंथियों जागो ……पूंजीवाद को धरासायी करने हेतु एक अवतार हो चूका है ………………………………….अरस्तु ने कहा भी है ….राजतन्त्र ,लोकतंत्र ,के बाद समाजबाद भी एक साईकिल की तरह अवश्य आता रहेगा | इसलिए तुम्हारे लिए यह अवतरित मोहरा तुम्हें एक नवजीवन ही देगा | संजीवनी पाकर जागो …………………………………………………………मृत्यु सैया पड वाणों से विंधी भीष्म पितामह सी कांग्रेस को शायद कुछ और जीवन प्रदान करने वाला अवतार बन जाये यह कन्हैया अवतार ….| बहुत तपस्या से इस कन्हैया अवतार हो पाया है | .…………….लेकिन क्या सत्ता धारी भारतीय जनता पार्टी को इस मोहरे का कोई महत्त्व नहीं होगा….?……. इसको आतंकवादी ,देश द्रोही ,राजद्रोही , या कानून तोड़नेवाला सिद्ध करते विपक्ष को भी बदनाम करने का साध्य बन जायेगा | लेकिन कन्हैया की तरह यह कन्हैया भी बहुत बड़ा सिरदर्द बनता जायेगा | गरम दूध न निगला जा सकेगा न थूका …| ………………………………………….केजरीवाल का आम आदमी समाजवाद भी क्या इस अवतार को अपने भविष्य के लिए हितकर मानते लालायित होकर निहारेगा | एक वरदाता अवतार ही लगेगा | ……………...कन्हैया तो अपने पराक्रम से एक स्वयं सिद्ध भगवन थे किन्तु आज का कन्हैया आम दलितों का भगवन सिद्ध होता जायेगा ऐसी मीडिया और बुद्धीजीवियों की धारणाये बनती जा रही हैं | क्या कांग्रेस ,बामपंथी ,समाजवादी सब एक एक कर कन्हैया को अवतार मानते जायेंगे …| यह पांच राज्यों के चुनाव परिणाम बता देंगे | भारत ही नहीं विश्व भी भारत मैं बामपंथ के उदय से घबड़ाने लगेगा | …………कन्हैया का कुछ भी हो किन्तु कन्हैया अवतार हो ही चूका है अब चित भी मेरी पट भी मेरी ..की धारणा बनती जा रही है | ………………………………..एक बार फिर कन्हैया सिद्ध कर देंगे

यत्र योगेश्वर कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः | तत्र श्री विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ||

……………………………………………………………………..…………(.जहाँ योगेश्वर कृष्ण हैं और जहाँ अर्जुन हैं वहीँ पर श्री ,विजय ,विभूति और अचल नीति है …..ऐसा मेरा मत है ).………………………………………………………….एक ओर अपना राज पाट खो चुके दीं हीं दलित एक आशा लिए स्तुती कर रहे हैं …………………………………………………………….

.भये प्रकट कृपाला दीं दयाला

………………..………………………………………………………………………..वहीँ दूसरी ओर राजनीतिज्ञ पार्टियां अपनी अपनी गोट फिट कर रही हैं | मीडिया को एक कमाऊ मसाला मिल चूका है | पूंजीवाद अब भी धैर्य से सो रहा है | .…….क्या यह अवतार सिद्ध होगा या अन्य अवतारों की तरह एक राजनीतिक मोहरा ही बन कर रह जायेगा|……पूंजीवाद और साम्यवाद किसकी जय होगी | ………किसको कहाँ शांति मिलेगी ..…….कौन कहेगा ……………………………………………..ओम शांति शांति शांति

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