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खुशखबरी, पोर्न थ्रेपी बहाल हुई ….

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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……………………………………………………………..भगवन रजनीश ने सम्भोग से समाधी का मार्ग खोजा था | उस समय इंटरनेट नहीं था | मनुष्य ने इंटरनेट खोज कर उसका सदुपयोग समाधी के लिए कर लिया | पोर्न साइट ध्यान मग्न होने के लिए सबसे सुगम मार्ग बन चूका है | एक ध्यान मग्न मनुष्य दीं दुनियां की सभी दुश्चिंताओं से दूर तनाव रहित होकर समाधिष्ट हो जाता है | पोर्न थ्रेपी के लिए कभी भी किसी भी अवस्था मैं कहीं भी ध्यानमग्न हो सकते हैं | पढ़ाई की चिंता हो ,व्यवसाय     की चिंता हो , काम काज की चिंता हो ,लड़ाई झगडे   के बाद का तनाव हो ,या नींद नहीं आ रही हो बस पोर्न थ्रेपी से ध्यानमग्न हो जाईये | …………….हृदय   रोग हो ,मानसिक तनाव हो .जोड़ों का दर्द हो ,या सर दर्द हो जुकाम हो ,थकान हो ,ब्लड प्रेसर हो या उससे दिल की धड़कन बड़ी हो पोर्न थ्रेपी दिल की धड़कन को सामान्य करके ब्लड प्रेसर भी सामान्य करती है | पागलपन को भी सामान्य कर देने वाली अनोखी थ्रेपी है यह | ……………………………………………………………………………यह मजाक नहीं या व्यंग भी नहीं सत्य है | न मानो तो खुद आजमा कर देख लो | बहुत ही सुगम सुलभ थ्रेपी है यह | …………………………………………………………………………….कुछ नादान लोगों ने इस पर प्रतिबन्ध लगाने की गलती की ,किन्तु इसकी लोक प्रियता और जन भावनाओं का लिहाज करते इसे फिर बहाल किया जा रहा है | …………………………………………………….इस थ्रेपी मैं जाति धर्म का कोई प्रतिबन्ध नहीं होता | इसे हिन्दू मुस्लमान ,सिख ईसाई ,बच्चे बूढ़े ,स्त्री पुरुष ,नेता ,राजनेता ,धर्म गुरु , कोई भी कहीं भी अपना सकता है | …..देश भक्ति का या धर्म का जज्बा भी ,या भक्ति का भाव भी ऐसा नहीं होगा जो इस थ्रेपी के लिए पूरे देश ने दिखाया जा रहा है | पूरा भारत इसके लिए एक स्वर मैं समर्पित हो रहा है | ……………………………………………………...कितनी गजब की थ्रेपी है यह की जिसमें आनंदित होते दिल की धड़कन और सांसें ध्यानमग्न योगी सी हो जाती हैं | किसी प्रकार की शक्ति का नाश भी नहीं होता | जबकि काम क्रीड़ा मैं सांसे धोंकनी की तरह चलते थकान भी देती हैं | समय धन स्थान और साथी का भी टोटा रहता है | मन चाहे सुंदर साथी की पोर्न क्रीड़ाओं का अवलोकन बड़ी ही तल्लीनता से हो जाता है | .……………………ध्यान समाप्त होते ही अपने अपने कार्यों मैं बड़ी तल्लीनता से लग कर कुशल स्टूडेंट , लेखक ,व्यवसायी , नेता अभिनेता ,ग्रहणी ,बन जाते हैं | ………………………………………………………...कहा यह जाता है की इस थ्रेपी से बच्चों को दूर रखना चाहिए ,किन्तु देखा यह गया है की बच्चे इस थ्रेपी से अपने शरीर और मानसिक विकास को अच्छा करते हैं | उनका शरीर सौष्ठव अच्छा ,मन बुद्धी विकसित हो जाती है | और वे कार्य कुशल बन जाते हैं | अब पुराने युग की काम क्रीड़ाएं तो हैं नहीं, जो बच्चा विगड़ जायेगा | इसीलिये हर पेरेंट्स का यही धर्मं हो गया है की वह अपने बच्चे को स्मार्ट फ़ोन सुलभ करे | कंप्यूटर इंटरनेट सुलभ करे | जो उसके कुशल स्टूडेंट होने के साथ मन बुद्धी को तनाव रहित कर दे | युग डिजिटल इंडिया का है सब कुछ इंटरनेट पर ही होगा | एग्जाम फॉर्म भरना ,एग्जाम देना , अप्लाई करना ,नयी नयी जानकारियां लेना ,सामान्य ज्ञान ,पढ़ाई लिखाई , इनकम टैक्स , इन्सुरेंस , बिल पेमेंट , खरीदारी सभी कुछ तो इंटरनेट से ही होना है | फिर इससे दूर रहकर कैसे अपने बच्चे को मुर्ख साबित कर सकते हैं |

भगवन का बहुत बहुत शुक्रिया जो इतनी सुगम ध्यान थ्रेपी पर प्रतिबन्ध हटवा दिया | …ट्रांज़िस्टर ,रेडियो , फिल्म , गानों , ब्लैक एंड व्हाहिट टेलीविज़न ,फिर रंगीन टेलीविज़न ,कंप्यूटर ,मोबाइल और इंटरनेट से होते विकसित हुयी पोर्न थ्रेपी ……..कैसे रह सकता ,कैसे जी सकता हिंदुस्तान…..? कैसे ……..योगासन ध्यान और समाधी की कठिन क्रियाओं को कर पाता….? जबकि योग ध्यान और समाधी पाने का सबसे सुगम मार्ग हम प् चुके हैं | ….………………………………चिकित्सा की विभिन्न थ्रेपी जैसे एलोपैथी ,आयुर्वेद , यूनानी , होम्योपैथी ,प्राकृतिक चिकित्सा , फिज़िओथरेपी ,चुंबकीय थ्रेपी ,वाईब्रेसन थ्रेपी ,सब एक तरफ हो जाएंगी बस पोर्न थ्रेपी ही सर्वत्र जन प्रिय हो जाएगी | कोई भी कुछ भी परेसानी ,रोग हो बस पोर्न थ्रेपी अपनाओ बेडा पर …..| ………………………………...भ्रमित मोदी सरकार अब निश्चय कर चुकी है की उसने धर्म कर्म को किनारे कर लक्ष्य केवल पांच वर्ष सरकार सुगमता से चलाना ही है | अतः किसी प्रकार का कोई विवाद हटा ही देना है | ………………………………………..सामान्य हिन्दू विद्वान तो यही सोच चुके थे की पोर्न पर प्रतिबन्ध के बाद आत्म शुद्धी के लिए ब्रह्म चर्य का पालन आवश्यक कर दिया जायेगा | यज्ञोपवीत आवश्यक होगा | संध्याबंधन और गायत्री मंत्र जप भी आवश्यक होगा | फिल्मों से ,टेलीविज़न से नंगापन प्रतिबंदित हो जायेगा ,| किन्तु उनकी यह धारणा भी राम मंदिर बनने जैसी ही फुस्स हो गयी | …………………………….मोदी सरकार ने सत्य को मान लिया है कामदेव पर पार पाना शिव जी के बस का भी नहीं रहा तो हम किस खेत की मूली हैं | समय की धारा को रोक सकना मुस्किल ही होगा | विकास चाहिए तो उसके साथ सबका विकास साथ साथ ही होगा | लोकतंत्र है भारत मैं …..सब को अपने अपने ढंग से जीने का अधिकार है …………………पोर्न थ्रेपी को मान्यता देना ही समय की मांग है | जब मन बुद्धी शांत रहेगी तो विकास स्वतः ही होता जायेगा | .विकास के लिए धन चाहिए | पैसा कोई पेड़ मैं नहीं उगता है .,उसके लिए जुगत करनी पड़ती है | …………………भूल जाओ बलात्कार को ….बलात्कार तो तब भी होते थे जब सत युग था ,राम राज्य था | रावण तब भी थे | जो पाप करेगा उसे कानून दण्डित करेगा | कानून से बचेगा तो भगवन से नहीं बच पायेगा | कर्मों का फल भोगना ही पड़ेगा | कानून अँधा हो सकता है किन्तु भगवन अँधा कभी नहीं होता | …………………………………….ओम शांति शांति शांति

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