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एपीजे अब्दुल कलाम ‘आज़ाद’ थे नहीं ,अब हुए हैं …

PAPI HARISHCHANDRA
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Anushka Sharma needs GK lessons: Actor pays tribute to Abul Kalam Azad instead of Abdul Kalam, gets trolled…भारत रत्न राष्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजली देने वालों मैं नाम का संसय हो गया है | ट्वीटर पर या अखवारों मैं भी श्रद्धांजली मैं नाम अबुल कलाम आज़ाद या अब्दुल कलाम आज़ाद से किया जा रहा है |,,,कौन हैं अबुल कलाम आज़ाद जो इतना फेमस था की एपीजे अब्दुल कलाम आज़ाद से भ्रमवश श्रद्धांजली प् रहे है | भारत रत्न से दोनों नवाजे गए हैं | दोनों महान रहे हैं | ………………………………………………………. अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम अथवा डॉक्टर ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात थे।कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये।…………… …………………………………..मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 – 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वाद वे भारत के सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।

वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों मे से एक था।………..…….सामान्यतः वे मौलाना आज़ाद के नाम से भी जाने जाते थे | मौलाना उनका सम्मान सूचक और आज़ाद (फ्री ,मुक्त )उपनाम था | आज़ादी की इतनी चाहत थी की उन्होंने अपना नाम ही आज़ाद जोड़ लिया था | …………………………यह नाम इतना प्रसिद्द हुआ की अब्दुल या अबुल कलाम नाम के साथ स्वतः ही आज़ाद जुड़ ही जाता है यही कारन है की यह गलती हो ही जा रही है | ………………..और वे एपीजे के साथ साथ ५७ साल बाद भी श्रद्धांजली प् रहे हैं |………..योग की सारी धारणाएं आत्म सात करते ,ब्रह्मचर्य का पालन करते गीता ,कुरान के मार्ग से इस संसार के नश्वर शरीर से आज़ाद होकर नए जीवन वाले गृह की खोज मैं अंतरिक्ष मैं अपनी आत्मा स्थापित कर दी है | भगवन ऐसी आत्मा को नव जीवन गृह की खोज मैं सफल बनाकर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे | ……………………ओम शांति शांति शांति

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