हरे रामा हरे कृष्णा की तान पर नाचते गाते हिप्पी समुदाय पर देवानंद की एक बहुचर्चित फिल्म ”हरे रामा हरे कृष्णा” आई थी | जिसमें दुनियां मैं गम के मारे विदेशियों को ,अंग्रेजों को बदबूदार हिप्पी समुदाय (यानि गंदे बदबूदार बड़े लम्बे बालों वाले भगवा कपड़ों मैं ) शांति पाते देखा गया था | इस फिल्म मैं एक बेहद उत्तेजक हीरोइन जीनत अमान का पदार्पण हुआ था |……………………………………………………………………………… किसने सोचा होगा यह बदबूदार व्यक्ति योग से सिद्धि प् लेगा | घर से पत्नी नाते रिश्तों से भागा परिब्राजक की जिंदगी वर्षों जीने वाला व्यक्ति सिद्धी पर सिद्धियां पाता जा रहा है | पस्त होना या परास्त होना वह जानता ही नहीं | उसके लिए हर सीडी ऊपर ही जाती है | फिसलना तो उसे आता ही नहीं | हर कदम सयमित ही होता है | तनाव की परिभाषा वह जानता ही नहीं | काम को वह सिद्धि मार्ग की बाधा मानता है अतः पत्नी वियोग भी योग का अंश मानता है | ब्रह्मचर्य को योगसिद्धी का मुख्य कारक जो माना जाता है | ब्रह्मचर्य भंग होते ही सिद्धियां भंग हो जाती है | …………….स्वामी राम देव हों या ,.मोदी जी दोनों ने साधारण मनुष्य से ही अपने योग तपस्या से ही इंद्रासन पाया है | न आगे न पीछे कोई सहयोगी ,न भगवन का कोई वरदान ……| केवल योगीक सिद्धियां …| ………………………………………योग से सिद्धियां कौन नहीं पाना चाहता ….? योग सभी धर्मियों को अच्छा लगता है | किन्तु किसी विधर्मी की सिद्धी पा लेने से उससे बदबू आना स्वाभाविक मानवीय लक्षण होता है | ..…..सिद्धियां कोई भी प् सकता है ,वह चाहे राजनेता हो ,सन्यासी हो , व्यवसायी हो ,,स्टूडेंट हो ,भिखारी हो घर से भागा हो ,.चोर हो डाकू हो .स्मगलर हो .या अंडर वर्ड का ही व्यक्ति क्यों न हो | राम और कृष्ण भी सिद्धियां पाकर पुरुषोत्तम बने | वहीँ रावण भी सिद्धी पाकर विश्व विजयी हुआ | …………………….इसलिए किसी सिद्धी प्राप्त योगी से द्वेष न करते उसकी सिद्धियों का मार्ग खोजना चाहिए | आप भी सक्षम तपस्या करो और सिद्धियां पाओ ,इसके लिए सबके लिए मार्ग खुले हुए हैं | ………………….युद्ध मैं हार जीत होती रहती है | ……………………….राक्षस राज रावण का नाना भी जब देवताओं से हारकर सब कुछ लुटा रसातल मैं चले गए थे | तो उन्होंने भी सिद्धि पाने के मार्ग पाने के लिए एक महान सिद्ध ऋषी को अपनी बेटी समर्पित कर दी थी | जिनसे पैदा रावण ने अपने पिता से सिद्धी मार्ग पाते देवताओं सहित देव लोक ही नहीं, सम्पूर्ण तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था | ……………………………..सिद्धि प्राप्त पुरुष तो सिद्ध हो ही चूका है उससे भिड़ना तो हार ही देगा | यदि उसको परास्त करना है तो उससे भी बड़ी सिद्धी पानी होगी | सिद्धी मार्ग खोजना होगा | ……………………………………….राहुल गांधी जी भी शायद इस सत्य को जान चुके थे शायद वे भी गुफाओं मैं ,कन्दराओं मैं परिब्राजक की भांति अपने अज्ञातवास मैं भटके हों | कोई सिद्ध उन्हें मिला या नहीं या स्वयं ही आत्म ज्ञान हो चूका हो | ….…………………………………………….यह तो निश्चित है किसी सिद्ध को परास्त करने के लिए किसी चाणक्य से कुछ नहीं होने वाला | सिद्ध की सिद्धियों का काट सिद्धियां ही होंगी | सिद्ध जैसी तपस्या से भी काम नहीं चलेगा ,उससे भी भयंकर तपस्या से सिद्धी पानी पड़ेगी | ……………………………………………………....पृथ्वीराज कपूर के डायलागों की काट होते होते अमिताभ बच्चन के डायलागों ने सबकी बोलती बंद कर दी है | ऐंग्री यंग मैन से एंग्री ओल्ड मैन भी किसी को अपने सामने टिकने दे रहा है | …………………………………………………………………..डायलॉग से फिल्म तो चला सकते हैं किन्तु राजनीती नहीं उसके लिए सिद्धि ही चाहिए | ………………सिद्धी भी किस प्रकार की है यह भी देखना होगा ,किस्से पाई होगी यह भी देखना होगा नाग का काट गरुड़ ही कर सकता है | विष का प्रकार भी जानना होगा | ………………………………………………………....सिद्ध पुरुष आशाराम कैद मैं है जो उसको छुड़ा सकेगा सिद्धियों का भंडार उसी के पास होगा | शायद सुभ्रमण्यम स्वामी जी इसीलिये प्रयास रत हैं | उनकी बची खुची सिद्धियां भी भक्तिभाव से प् ली जाएँ और किसी प्रतिद्वंदी को न पाने दी जाएँ | ………………………………………………………………………...वर्ना अज्ञात वास करते रहो सिद्ध पुरुष ढूँढ़ते रहो | चाणक्य बेवकूफ बनाएंगे कैसे पहचानोगे सार्थक चाणक्य को या सिद्ध को …..? ……………………………………………………..महाभारत युद्ध से पाहिले भगवन कृष्ण से सहायता पाने को अर्जुन और दुर्योधन दोनों पहुंचे | …दुर्योधन ने सुसज्जित सेना मांगी | ….किन्तु समझदार अर्जुन ने सिद्धि प्राप्त योगी कृष्ण को ही माँगा | आखिर विजय सिद्धियों की ही हुयी | …………………………………………………………………..अतः इस सिद्ध पुरुष का अहंकार समझें या वेवकूफी ,या व्यावसायिक बुद्धि ,या विकास मार्ग या भूल ……जो दुनियां के जन साधारण के लिए योग मार्ग से सिद्धि मार्ग खोल दिया है | अपनी विवेक बुद्धि से उसे भुना सकते हो | यदि कोई व्यक्ति योग मार्ग से तपस्या करते इस योग सिद्ध को परास्त कर सका तो वही परम सिद्ध होगा | ………………………………………….………………आज २१ जून २०१५ का विश्व योग दिवस अविष्मणीय होगा | एक योग सिद्ध ने पूरे संसार को चैलेंज किया है की जिस योग से मैंने सारी सिद्धियां पाईं उसी से मुझे परास्त कर दिखाओ | यही मेरा हथियार है | यही मेरा ब्रह्माश्त्र है | मैं अपना हथियार जन साधारण को सुलभ करता हूँ | ……………………………………………………………………....ओम शांति शांति शांति
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