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मोदी जी आखिर नव ‘भारत’ स्वीकारना ही पड़ा ….धन्य हो

PAPI HARISHCHANDRA
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शपथ ग्रहण के समय का ब्लॉग ……..मोदी जी, विश्वास दिलाओ.. ”हिंदुस्तान” नहीं, ”नव भारत” होगा …….२४ मई २०१४....और ……………….Happy Independence Dayलाल किले से दहाड़ दो कि यह हिंदुस्तान नहीं नव भारत होगा…..१२ अगस्त २०१४ के ब्लॉग मैं मैंने पुनः निवेदन किया था | …………..शायद आपने पाहिले ही स्वीकार कर लिया होता तो विश्व हिन्दू परिषद या आपके ही सांसदों की वाणी दोषों का दुष्परिणाम न झेलना पड़ता | ओबामा भी अपनी जुबान पर लगाम दे पाते | ………खैर देर आए दुरस्त आए……की कहावत चरितार्थ हुई | ….आपने अपने ७० मिनट के भाषण मैं दहाड़ते हुए स्वीकार कर ही लिया …….हमारी .सरकार का एक ही धर्म है .,पहिले भारत ..इंडिया फर्स्ट ..| हमारी सरकार का एक ही धर्म ग्रन्थ है ….भारत का संविधान …| एक ही भक्ति है भारत भक्ति …….मेरी सरकार की एक ही पूजा है …सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण ….| …मेरी सरकार की एक ही कार्यशैली है ….सबका साथ ,सबका विकास …| और इसीलिये हम संविधान की सीमा मैं रहकर देश को आगे बढ़ना चाहते हैं | …………..पूरे ७० मिनट के भाषण मैं आपने एक बार भी हिंदुस्तान शब्द का उच्चारण नहीं किया | यही आपकी नव भारत की स्वीकारोक्ति रही | …………………काश .. यह दहाड़ पहिले सुनायी दे गयी होती …? ….खैर अब भारतीय जनता पार्टी के या बाहर के हिन्दुबादी संगठन या व्यक्ति अब अपनी जवान पर लगाम अवश्य लगाएंगे | विश्व भी मोदी जी की दहाड़ी रंग को अवश्य देखती ललचाएगी | निवेशक इस रंग को ही देखेंगे तभी वे निवेश के लिए ललचायेंगे | जम्बू कश्मीर मैं मुस्लिम पी डी पी से तालमेल करते सरकार बनाना भी निवेशकों के सोच को अवश्य सुधारेगा | पाकिस्तान से वार्ता को पुनः खोलना भी शर्त है | ………………………………...एक दहाड़ सर्वत्र शांति | लेकिन कब तक क्या घर वापसी ठन्डे बस्ते मैं रहेगी , धारा ३७० ,राम मंदिर ,एक सामान कानून ….? हिन्दू हैं तो हिंदुस्तान फिर जुबान पर आता जायेगा | क्या इस विचार को उपजाया जा सकता है कि भारत मैं भारतीय रहते हैं जिनके संप्रदाय सनातन धर्म ,मुस्लमान ,सिख , ईसाई ,जैन ,बौद्ध आदि हैं | यदि मोदी जी का मोटो यही है कि सरकार पांच साल सुगमता से गुजारने हैं ,तो उन्हें बदलना ही होगा | हिन्दू वादी संगठनों पर लगाम देनी ही होगी ,अपनी ही पार्टी के हिंदूवादी अरमानों को दृढ़ता से दबाना होगा ,चाहे इसके लिए उनका विरोध ही सहना पड़े | विपक्ष को दहाड़ से संसद मैं दबाया जा सकता है किन्तु अपनों को भी कैसे लगाम दी जाये इसके लिए भी सतर्क रहना होगा | …..विपक्ष का तो एक ही मोटो है मोदी सरकार को हर मोर्चे पर असफल करना | वह कहीं भी इसको उभारकर राजनीतिक लाभ ले लेगा | संयम के लिए बहुत तपस्या करनी होगी | हिन्दू आकांक्षाओं को कुचलना होगा | ……………………..विकास पर ही ध्यान केंद्रित करते सभी कुछ भूलना होगा | विकास के लिए ऍफ़ डी आई चाहिए ,ऍफ़ डी आई के लिए सुन्दर वातावरण भी चाहिए ,| मेक इन इंडिया के लिए भूमि चाहिए ,उसके लिए भूमि अधि ग्रहण बिल पास होना आवश्यक है | यही दोनों साम्प्रदायिक सद्भाव और भूमि की सुनिश्चितता ही विदेशी निवेसकों को आसश्वत कर सकती है | …………………इसी निवेश पर ही मोदी जी की समस्त योजनाओं की सफलता निर्भर करती है | ……………..…हर तरफ सेनाएं अपना अपना मोर्चा ले चुकी हैं | दुसमन देश भी अड़ंगा लगाने को तैयार कर चुके हैं | बहुत ही संयम से अहंकार रहित ही पांच वर्ष का कार्य काल विताना होगा | एक योगी ,सन्यासी की तरह | अति आत्म विस्वास मैं विपक्ष को कमजोर समझना मूर्खता ही होगी | विपक्ष किसी भी तरह कमजोर नहीं है ,उसे सिर्फ गलतियों का इंतजार है |………………………………………… इस बात का ध्यान रखना होगा की जैसा भद्रजन करते हैं वैसा ही आचरण आम जनता भी अनुसरण करती है | यह गीता मैं भगवन श्रीकृष्ण ने भी कहा है …..………………………………….. ओम शांति शांति शांति शांति शांति

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