Menu
blogid : 15051 postid : 850934

अहंकार नहीं करना है …केजरीवाल

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
  • 216 Posts
  • 910 Comments

अवसरवादी कहकर जिनको अलंकृत किया उनको भी आमंत्रित किया जाना भी धर्म होगा क्यों कि इस अवसरवादी के कारन ही आप पार्टी प्रचंड बहुमत से विजयी हुयी | …किन्तु कांग्रेस का कोई नेता सोनिया गांधी ,राहुल गांधी भी आमंत्रित नहीं होंगे | ………………………कृष्ण समझ चुके हैं की अर्जुन का अहंकार अभी ख़त्म नहीं हुआ है | अपने आराध्य से आशीर्वाद लेने उनकी कुटिया पर न आकर दूर से ही फोन पर आशीर्वाद मांग रहे हैं | बिना मांगे उचित मार्ग दर्शन पर कोई गौर न करके ,राम लीला मैदान मैं भव्य शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है | अपने आपको राष्ट्रपति जी के समतुल्य समझते हुए उनसे गले मिला जा रहा है | अभी तो मुख्यमंत्री पद की शपथ भी नहीं ली | उनके आशीर्वाद के आकांक्षी होकर उनको प्रणाम ही करना चाहिए था या शिष्टाचार से नमस्कार ही करना था | ………अर्जुन के अति आत्म विश्वास पूर्ण व्यव्हार से चेतते हुए मोदी जी ने चाय पर साधारण शिष्टाचार से हाथ मिलाने का ही मौका दिया | मिलन समय भी सीमित १७ मिनट का ही दिया | ....कृष्ण तो अपने शिष्य से आश लगाये थे कि वह उनके आश्रम मैं आकर उनसे आशीर्वाद लेकर सलाह मसविरा करेगा | शपथ ग्रहण समारोह मैं मुझे खुद आकर ले जायेगा | ……………….……………..अहंकार ग्रस्थ शिष्य को देखकर ही अन्ना जी ने शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया और अपने उपस्थित होने की असमर्थता व्यक्त कर दी |………… एक भक्त शिष्य को चाहिए था की शपथ ग्रहण पर अपने गुरु की उपलब्धता पर पाहिले गौर किया जाता बाद मैं शपथ ग्रहण का दिन निश्चित किया जाता | प्रधामंत्री को भी निमंत्रण देने से पाहिले उनकी उपलब्धता पर गौर कर उनको सम्मानित किया जाता | …..शपथ ग्रहण का मुहूर्त निश्चित किया जाता | पंडितों से सलाह ली जाती | …………………………अहंकार ग्रस्थ शिष्य को देखकर ही अन्ना जी ने शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया और अपने उपस्थित होने की असमर्थता व्यक्त कर दी |……………………….केजरीवाल जी अहंकार किस को कहते हैं क्या इसकी परिभाषा होती है ……? यह आपको किसी गुरु ने नहीं पढ़ाया | या पढ़ाया तो अपने उस पर कभी गौर ही नहीं किया | इंजीनियरिंग की शिक्षा मैं ,या मैनेजमेंट शिक्षा मैं अहंकार शब्द होता ही नहीं या होता है तो अहंकारी व्यक्ति ही मैनजमेंट की शोभा होता है | विकास के लिए मैनजमेंट मैं सफल होने के लिए यह एक गुण ही माना जाता है | ………………………………………………....केजरीवाल जी अपने अहंकार को त्यागो तुरंत अपने गुरु अन्ना जी की कुटिया मैं जाकर उनसे क्षमा प्रार्थना करते आशीर्वाद पाओ और उन्हें अपने शपथ ग्रहण समारोह मैं ससम्मान साथ लेकर आओ | यही लोक हित मैं है | राजनीती भी यही कहती है | अपने को कृष्ण भक्ति मैं डुबोकर आने वाली विपदाओं से मुक्ति अवश्य पाओगे | ……..अभी तो दूसरी सीडी ही चड़े हो | पहिली सीडी मैं ही लुडक कर भी नहीं चेत रहे हो | अभी तो आपने मुख्य मंत्री पद ही पाया है ,मार्ग कठिन है | लक्ष्य प्रधान मंत्री पद ही होना चाहिए | ….आम आदमी पार्टी यानि गरीबों का बाम पंथी विचार को उपजा चुके हो | पूंजीवादी विचार धारा के विरुद्ध आवाज उठाओ जनता साथ देगी | ………………………………..किन्तु गुरु के आशीर्वाद से ही ,उनके पद चिन्हों से ही मार्ग मिलेगा | जन्म कुंडली मैं गुरु बुध के साथ लग्न मैं महान बनता है तो बाधा पैदा करने वाला शत्रु गृह शुक्र भी साथ है | …सूर्य व्यय भाव मैं अस्थिरता देता रहता है | वहीँ शनि के साथ चन्द्र भी बाधित है |…चन्द्र मन का कारक है शनि के साथ से वैचैनी पैदा करता रहेगा | काल सर्प योग भी अस्थिरता देता रहेगा | …………………इसलिए अपने को जितना अन्ना जी से भक्ति मैं ओत प्रोत पाओगे समस्त बाधाओं से मुक्त होते एक दिन प्रधान मंत्री पद भी पा सकोगे | ………………..…………..ओम शांति शांति शांति ..

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply