जय हो ..गणतंत्र दिवश ……………ठीक एक साल पाहिले ब्लॉग मैं मेरी व्यंगात्मक भविष्यवाणी अब सार्थक होने को वेदी की किरण उग चुकी है | दस फरवरी को सूर्य बन ही जाएगी | .भविष्य वाणी निम्नवत थी ……….. अन्ना हजारे जी के अनसन में ,दिलजान से तिरंगा फहराने वाली ,शायद भ्रष्टाचार पर जीत पर सबसे ज्यादा खुशी महसूस करती रही | अरविंद केजरीवाल के ‘आप’ के उदय में भी शायद भ्रष्टाचार के जड से खात्मे का स्वप्न देखती खुश होती रही | ‘आप’ की जीत पर भी खुशी की उछलकूद अनोखी थी | जीत पर सारा श्रेय ,अनुभवों का आशीर्वाद अरविंद केजरीवाल ,कुमार विश्वास ,जैसे शिष्य ले बैठे तो शायद् अपमान महसूस होना लाजिमी था | ………………………………………………………………………………..…अन्ना हजारे से रोया, तो दाल ही काली नजर आने लगी | अब आत्म बोध होते होते नरेंद्र मोदी जी महान नजर आने लगे | बीजेपी देश की उद्धारक नजर आने लगी | ‘ आप ‘ को सपोर्ट, वोट देना ,कांग्रेस का सहायक नजर आने लगा | भारत की प्रथम महिला आईपीएस वर्तमान में आत्म बोध होकर बहूत बैचैन हो चुकी हैं | शायद जले पर कोई तो मरहम लगाये | कोई भी तो सहानुभूतिक कुछ भी नहीं बोल रहा |…………………………………………………………………………………………………… गुरु ग्रह के वक्री होने से आप अपेक्षित लाभ ना पा सकी | जुलाई तक बैचैनी पर काबू रखें | आपकी उपयोगिता राजनीतिज्ञों को स्वतः ही महसूस होने लगेगी | ………………………………………………………………………………..आप किसी भी पार्टी की किरण नहीं ,आप महान देश की महान किरण बनेंगी | आपकी किरण से पुँज बनकर , सम्पूर्ण भारत सूर्य सा जगमगाएगा | आप शांत हो , गायत्री मंत्र का जप करती रहें | शनि और राहु स्वतः ही एक दूसरे से विघटित होकर अशक्त हो जाने वाले हैं | आपकी महानता स्वतः ही उभरती चली जायेगी | वर्त्तमान मैं लोक हित के लिए कहा गया अनुभवी सम्भासन किसी को श्रवण नहीं हो पायगा .|.आपके अनुभव और दूर दृष्टी वाली सलाह ही पार्टी को बचाये रख सकती है ,वर्ना धूमकेतुओं की तरह खो जायेगी | ………………………………………………………………….. ‘.आप ‘बहुत आगे जाएंगी | धैर्य रखें …………………………………………………………….. ओम शान्ती शान्ती शान्ती ….. मेरी सलाह पर गायत्री मन्त्र जपते जपते ठीक एक वर्ष बीत गया है | गायत्री मन्त्र की सिद्धी का असर अब दिखने लगा है | विश्व के दूसरे चमकते सूर्य मोदी की किरण बन ही गयी हैं | अब धर्म और सत्य के सार्थक अर्थ को समझ चुकी हैं | गांधी जी के सत्य के मार्ग पर चलकर अन्ना हजारे ही रह पाती या केजरीवाल की तरह हरिश्चन्द्री अलाप करती रहती | गीता के सात्विक ,राजस और तामस मैं सबसे उत्तम मार्ग के धर्म को ही अपना लिया है | सात्विक धर्म से तो शमशान के हरिश्चंद्र की चौकीदारी ही मिलती है | तामसिक धर्म तो घृणित ही होता है | राजस धर्म ही सबसे उत्तम माना जाता है | वह भी एक ऐसे योगी नरेंद्र की किरण बनने का मौका मिला है जो स्वयं सिद्ध योगी है | …………………………………………………………………………………………ज्योतिसीय रूप मैं भी राहु और शनि विघटित हो चुके हैं | गुरु गृह भी उच्च का हो गया है | अब कोई नहीं रोक सकता है मुख्य मंत्री पद पर आरूढ़ होने से ..| मुख्य मंत्री तो अभी सुरुआत ही होगी अभी तो लक्ष्य प्रधान मंत्री तक होगा | एक सशक्त महिला प्रधान मंत्री पद भी दूर नहीं होगा | …………………………….हरिश्चंद्र तुम अन्ना जी के साथ अनसन ही करते रहोगे या शम शान मैं चौकीदारी …| राम का साथ पाकर विभीसन भी कृतार्थ होते सत्ता पाता है | यहाँ तो राम से धीर वीर दहाड़ते ,और कृष्ण से गीता ज्ञान देने वाले योगी मोदी का साहचर्य प्राप्त हो चूका है | राजनीती मैं भक्ति मैं ही शक्ति होती है | अर्जुन से योगी भक्त बनो या विभीषण सी भक्ति करो ,सब कुछ मिलता चला जाता है | सन्मार्ग ,सद्बुद्धि तो सत्संग से मिल ही जाती है | गायत्री मन्त्र की भी सिद्धी मिल ही चुकी है | अब सूर्य की किरणों से नजर मिलाने की गलती कोई नहीं कर सकेगा | उगने तो दो …| ………………..राजनीती मैं शाम ,दाम दंड ,भेद सब चलते हैं | यह ज्ञान अब हो चूका है | लेकिन किरण को सात्विक और तामसिक सम्भाषणों के बादलों से बचना होगा | केजरीवाल से सात्विक सम्भाषणों रूपी धुंध से परहेज रखना होगा | वहीँ वी .पी सिंह से सम्भाषण भी घनघोर बादल बन जायेंगे | गायत्री मन्त्र का लगातार जप करके अपने पर संयम रखना ही होगा | राजनीती मैं अड़ियल रूख की छवि घातक होती है | ऐसी धुंध और काले बादल कभी भी घिर सकते हैं | अतः मौसम की भविष्य वाणियों पर ध्यान देना उचित रहेगा | …………………………………………………………………………आप ……..योगी मोदी जी के गीता ज्ञान का अनुसरण करते अर्जुन की तरह युद्ध अवश्य जीत सकती हैं | स्वधर्म राजनीती मैं कुछ नहीं होता | चुनाव युद्ध जीतना ही धर्म होता है | …………………………….यहाँ .….यदा यदा ही धर्मष्य ग्लानिर्भवति भारतः | अभ्युत्थानम् धर्मस्य तदात्मानं सृजाम्हम् || (जब जब धर्म की हानि होती है और अधर्म की बृद्धि होती है ,तब तब मैं लोगों मैं प्रकट होता हूँ )…..को भूल जाना होता है | अपने आप को भगवन समझना भी घातक ही होता है | अपने आप को सेवक ही नहीं प्रधान सेवक सिद्ध करना होता है ,उसके लिए झाड़ू भी लगनी पड़े तो लगाई जाती है | झाड़ू कैसी होती है अरविंद्र केजरीवाल की झाड़ू कैसी है सब जानती हैं किरण जी | गांधी जी की स्वच्छता अभियान की झाड़ू का ज्ञान भी मिल ही जायेगा | झाड़ू युद्ध ही होगा अगला चुनाव | इसमें महारत किरण का ही होगा | यानि की सब कुछ किरण बेदी के ही पक्ष मैं | भाग्य भी साथ ,अपनों का भी साथ …………………………………………………..जय हो जय हो ………………………………...ओम शांति शांति शांति
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