शुरू श्रु मैं बड़ा सस्पेंस रहा आखिर pk ..है क्या ? फिर पता लगा pk एक फिल्म है | जिसमें आमीर खान नंगे खड़े हैं और अपनी शर्म को ट्रांजिस्टर से छुपाये हैं | इतना महान परफेक्सनिष्ट इतनी गंदी पोज़ दे रहा है ,इसका खूब विरोध होगा किन्तु लड़कियों ने तक स्वीकार करते अपने हॉस्टल की शोभा बना लिया | फिल्म के प्रमोसन के लिए ही तो किया गया है यही दिल खोलकर कहा गया | व्यक्ति व्यक्ति की बात होती है ,आमीर आमीर हैं ,कृष्ण कन्हैया से रास लीला करना उनके लिए शोभा ही देता है | अमीर की लीलाएं कृष्ण की रास लीला सा आनंद देती हैं | आमीर के उपदेश भगवन श्री कृष्ण के गीता के उपदेश बन जाते हैं | .…फिल्म को सेंसर बोर्ड से A सर्टिफिकेट दिया जाना था किन्तु आमीर आमीर हैं उनको UA सर्टिफिकेट दिया गया | ………………………………..फिल्म रिलीज हुयी तो धर्मालम्बी तड़प गए यह क्या यह तो धर्म से गुलछर्रे उड़ाए जा रहे हैं | फिल्म देखी विरोध किया | फिल्म तो बड़ी अच्छी लगी ,खूब मनोरंजन हुआ ,किन्तु हमारा धर्म भी तो है इसलिए बाहर आके विरोध प्रदर्शन करना भी धर्म ही तो है | मुख्य मंत्रियों ने देखा ,मंत्रियों ने देखा .नेताओं ने देखा ,अभिनेताओं ने देखा ,बुद्धीजीवियों ने देखा साधुओं ने देखा सन्यासियों ने देखा सिर्फ देखना ही धर्म नहीं होता ,देख कर टिप्पणी करना भी एक धर्म ही होता है | टिप्पणी भी ऐसी जिससे धर्म गुरु का मान बढ़ता है | चिंतकों को चिंतन जागृती मिलती है | राजनीतिज्ञों को राजनीत का मुद्दा मिल जाता है | …आम युवा बुद्धीजीवी चिंतक यह कह कर किनारा कर रहे हैं ,फिल्म है ,फिल्म की तरह मनोरंजन करो धर्म से मत जोड़कर देखो | …………………..इलाहाबाद मैं संगम पर अर्ध कुम्भ है इस कुम्भ मैं स्नान करके पाप मुक्त होना परम धर्म है | इस कुम्भ मैं स्नान काने की युक्ति करके जाना धर्म ही तो है | किन्तु अब उससे भी परम उत्सुकता वाला परम धर्म pk देखना हो गया है | कुम्भ स्नान मैं तो स्नान करो और घर आके अपने अपने कामों मैं लग जाओ | ,किन्तु pk तो ऐसा कुम्भ हो गया है जिसमें स्नान करना अति आवश्यक हो गया है | आखिर समाज मैं रहना है , मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है उसे समाज के साथ साथ चलना है | इस कुम्भ मैं नह कर टीका टिप्पणी मैं बुद्धिमानों की तरह रह सकेंगे | वर्ना बगलें झांकते कालिदास(pk ) ही नजर आएंगे | ……………………………………….नाक की सीध मैं सीधे सीधे चलने वाले व्यक्ति को हरिश्चंद्र मान कर उसको ठगा जाता है या व्यवहार मैं लाया जाता है | किन्तु हरिश्चंद्र का एक नया पर्याय शब्द pk का श्रजन हो गया है | शब्द भी ऐसा जो सभी भाषाओँ मैं एक सा अर्थ बन जायेगा | …………………………………………………….एक समय ऐसा था जब kp महान व्यक्ति हुआ करते थे | उनकी व्यग्य कृतियाँ लोक लुभावन हो जाती थी | लगता तो यही है की वे उलटे होकर pk बनके जन्म ले चुके हैं | kp व्यंग का श्रजन करते थे , किन्तु pk युग मैं स्वयं ही pk व्यंग के पर्याय बन जायेंगे | अब शराबी को शराबी कहना ,या मुर्ख को मुर्ख कहना पिछड़े लोगों की भाषा हो जाएगी | ऐसे लोगों को सिर्फ pk ही सम्मानजनक होगा | ……………………………….pk है …क्या ?… क्या यह कोई असम्मान जनक या गाली सा शब्द लगता है ? ….करोड़ों के रिकार्ड तोड़ने वाले इस शब्द की महत्ता दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती ही जा रही है | हे भगवन kp को इतना महान बनाओगे यह किसी ने स्वप्न मैं भी नहीं सोचा होगा | भगवन तयारी लीला न्यारी सुदामा को प्रधान मंत्री बना दिया ,kp को pk बना दिया | ………………………………………एक ब्रह्मचारी की परिकल्पना मैं स्त्री क्या होगी ..? स्त्री सुख क्या होगा …? ..स्त्री पर नारद मुनि सी दीवानगी आ ही जाती है | उत्सुकता हो ही गयी है तो स्वयम्बर मैं जाना ही होगा | आत्म बोध होने पर शापित भी करना ही होगा | भगवन विष्णु को भी शाप देकर राम अवतार लेना ही पड़ेगा | …………………शाप तो देना ही पड़ेगा किन्तु स्वयम्बर तो होने दो | जब तक स्वयम्बर नहीं होगा कैसे शाप दें | स्वयम्बर देखे बिना शाप कैसे देंगे | ……………………………………………..आज kp स्वर्ग मैं अपनी कृति पर गद गढ़ हो रहे होंगे | विना pk की चर्चा किये , या विना टी वी मैं चर्चा देखे सुने ,अखवारों मैं लेख पड़े या लिखे क्या दिन चर्या पूर्ण हो सकती है | पान की गिलौरी मुंह मैं लिए बिना क्या कोई पिच्च से pk कर सकता है | गुटकों ने सब किये कराये पर पानी फेर दिया था | अब pk जान लौटा लाया है | pk करना अब एक शान की चीज हो जाएगी | अमिताभ बच्चन की तरह खाए के पान बनारस वाला गीत फिर मधुर लगने लगेंगे | …...kp को इतनी सुंदर श्रद्धांजली न किसी ने दी होगी न दे पायेगा | आमीर खान kp कृपा से pk बन अमीर बन ही गए हैं | …………….सत्यमेव जयते …..भारत मैं ही होता है | इसके लिए हिन्दू या मुस्लमान होना मायने नहीं रखता | आमीर खान ने कहा है तो सत्यमेव जयते मैं कोई शक ओ सुब्हा नहीं होगा | ……………….यही तो kp की कृति की अनुपम छठा है की …pk की भी जय होगी और धर्म की भी जय होगी | दुर्भावना से फिल्म देखकर सद्भावना से घर लौटेंगे | विश्व का कल्याण होता जायेगा |…………………………………….सत्यमेव जयते कहते हो किन्तु सत्य को क्यों छुपा रहे हो …..? …..?………………….…………………………………………...ओम शांति शांति शांति
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