भारत कोई भिखारी देश नहीं है |भूटान ,नेपाल और फ़िजी को दिल खोलकर दान देकर मोदी जी ने यह सिद्ध कर दिया है | एक युग था जब सोने की चिड़िया कहलाता था | लुटेरों ने लूट कर कंगाल बना दिया था | किन्तु भारत के कर्मठ नेताओं ने एक बार फिर सोने की चिड़िया से भी ऊंची पदवी की और अग्रसर कर दिया है | अब हम रोटी , कपडा, मकान से टुच्चे विषयों पर वोट नहीं मांगते हैं | विकाश हमारा मुख्य मुद्दा होता है | विकास को भी हमने सर्व व्यापी रूप दे दिया है | धर्म हो , कर्म हो , भ्रष्टाचार हो ,गुंडागिर्दी हो ,इन विषयों को भी बराबर का मौका दिया गया है | सड़कों का विस्तार ,फ्लाई ओबर ,मेट्रो ट्रैन , रेलवे को फ़ास्ट ट्रैन ,१०० महान द्वारिकाओं का विकास , गोद लिए गांव ,चन्द्र यान , मंगल यान ,अटॉमिक पावर ,सब कुछ तो अपने पराक्रम से हासिल कर लिया है | स्वेत क्रांति ,हरित क्रांति ,तो पिछले समय की बातें हो चुकी हैं | औद्योगिक विकास भी कुछ कम नहीं हुआ है | ऑटोमोबिल तो इतना भयंकर दैत्याकार विकास कर चूका है कि उसे ऑटो और मोबिल मैं विभक्त करना पड़ा | किन्तु क्या किया जाये दोनों द्विभाजित होकर भी एक क्रांतिकारी विकास कर चुके हैं | अब मोबिल तो सब की जेब मैं शोभा बड़ा चूका है | इंटरनेट यूज़र मैं विश्व मैं दूसरे स्थान पर सोभित हो रहा है | लेकिन ऑटो भी सुरसा की तरह अपना मुंह बढ़ाते जीव जंतुओं से अपना भोग लगा रही है , फिर भी मनुष्य इस राक्षस भोग करने का मोह नहीं त्याग पाते है | धन्य है मनुष्य जाती भी | ऑटो अपना मुंह जितना फैला रही है मनुष्य भी सड़कों को फैलाता जा रहा है | फॉर लेन ,से सिक्स लेन ,आठ लेन ,फ्लाई ओवर ,एक्सप्रेस वे | हनुमान और सुरसा का द्वन्द और उसमें पिस्ते जीव …| ……………………………एक चाय जहाँ पांच पैसे की पी लेते थे अब १० रूपये की मिल रही है | धर्म गुरु भी अपने अपने किलों मैं शोभायमान हो रहे हैं | कुटियाएं पिछले युग की कथाएं बन गयी हैं | प्रबचन सुनने वालों का ,भक्तों का आधुनिक सुख सुविधा सहित ध्यान रखा जाता है | एक गोद ली हुयी कन्या को अपनाते एक नेता बाबा ,एक अभिनेता भाई ,लेखक पिता करोड़ों की विवाह अभियान कर सकता है | समाजबाद अब भारत मैं सभी क्षेत्रों मैं उग चूका है | जनता भी अपने समाजवादी नेता को कम नहीं आंकती है | क्या हुआ यदि नेता खर्च नहीं कर सकता है तो जनता तो अपने नेता पर न्योछावर कर सकती है | बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती क्यों नहीं अपना जन्म दिन धूम धाम से मना सकती जबकि जनता मनाना चाहती है | जब मायावती बहिन मना सकती है तो समाजवादी पार्टी के नेता जी क्यों नहीं मना सकते | जब नरेंद्र अपना जन्म दिन मनाने सियाचिन जा सकते हैं तो क्यों नहीं यादवेन्द्र एक महान रिकॉर्ड वाला जन्म दिन मना सकते | कीमती भैस खो जाने पर जिनके प्रताप से मिल गयी उनको अपने साम्राज्य मैं जन्म दिन का तोहफा देना भी धर्म ही होगा | अब जनतंत्र मैं जनता ही जनार्दन होती है जनता की खुशी के लिए नेता जी ने कुछ कष्ट झेलना पड़ता है | कभी राजतन्त्र होता था जब राजा को अपना जन्म दिन मनाने के लिए अपना राज कोष खोलना पड़ता था ,अब तो लोक तंत्र है राजा तो सिर्फ जन्म दिन मनाने बग्घी पर आशीन ही हो जाते हैं | जनता सब कुछ उत्साह पूर्वक अपने आका की जय जय कर करते जन्म दिन मनाना चाहती हैं | जब पांच पैसे की चाय मिलती थी तब पांच पैसे का केक जन्म दिन के लिए बहुत होता था अब विकसित हो रहे भारत के नेता जी का जन्म दिन है तो क्यों नहीं जनता समय के अनुसार ही करोड़ों का जन्म दिन मना कर अपने नेता का अभिनन्दन करना चाहेगी | अभी तो ७५ फूटी केक ही काट रहे हैं जनता की दुआओं से १०५ फीटी केक भी …अवश्य काटेंगे | जनता की महती अभिलाषा उनको प्रधान मंत्री रूप मैं जन्म दिन मनाने की अवश्य पूरी होगी | भगवन अवश्य ही पूरे भारत मैं जन्म दिन मनाने का वरदान देगा | जनता की मनौती अवश्य पूरी होगी |………………………………………………………..भारतीय जनता पार्टी के सभी आयोजन भी भव्य ही होते हैं तो क्यों नहीं समाजवादी पार्टी के आयोजन भव्य होंगे | सत्तारूढ़ वे हैं तो समाजवादी भी सत्ता रूड ही हैं | हम समाजवादी विचार धारा के लोग है समाजवाद से ही अपने नेता का जन्म दिन मना रहे हैं |……………………………………………………………………..ओम शांति शांति शांति
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