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आम जनता मैं तो सर फूटल भी हो जाती है | लेकिन राजनीती मैं तो यह भी दिखाना होता है कि और कोई गलत वयान या गाली न दे या मीडिया मैं भी तो बने रहना होता है कहीं जनता भूला न दे याद दिलाने मैं बहुत प्रचार मैं खर्च करना होगा | राजनीती क्या कहीं भी, दुश्मन की तारीफ़ करना भी गाली ही माना जाता है चाहे बेचारा सत्य ही क्यों न कह रहा हो | इतना भी भूल जाते हैं कि तारीफ़ अपनों की करना चाहिए और आलोचना प्रतिद्वंदी की | राजनीतिज्ञों की पाठशाला आवश्यक हो चुकी है | अपनों को जोकरों का एम डी चाहे अपने को ही जोकर सिद्ध करते कहा हो | दिया तो सम्मान ही था लेकिन बुरा मान गए और पार्टी निकला भोग गए | मोदी मैं कितने ही गुण क्यों न हों वह उनकी पार्टी के लिए या उनके लिए ही होंगे | दूसरी प्रतिद्वंदी पार्टी के लिए तो वह गाली ही होगी |……………………………………………………………………………………………….. बेचारे शशी थरूर ,अजय माकन को सफाई देते देते मणिशंकर एयर द्वारा ” गिरगिट” कहलाये | शायद” इकोनॉमी क्लास” भी ” कैटल क्लास ” लगता था इसीलिये …| वैसे हंसमुख किस्म के दिलफेक शशी थरूर जी मनमोहन सिंह को ”मजाक ” करने वाले लगते थे इसलिए बुरा नहीं मानते थे | लेकिन युग बदल चूका है समय तो अपना रंग गिरगिट की तरह बदलेगा ही | ……………………………………………………………………...गिरगिट भी क्या जीव होता है कितनी जल्दी रंग बदल लेता है |और दुश्मनों से अपने को सुरक्षित कर लेता है | यह भी कहा जाता है कि उसको देखते रहने वाला वेहोश तक हो जाता है | गिरगिट छोटे आकर से लेकर डायनासोर जैसे भयंकर भी होते हैं | जैसे कि राजनीती मैं एक छोटा नेता रंग बदलते अपने बयां, यहाँ तक पार्टी भी बदल कर अपने को सुरक्षित कर लेता है | वैसे ही बड़ी बड़ी पार्टियां भी बड़े डायनसोरी गिरगिटों की तरह अपना रूप रंग आकर यहाँ तक विचारधारा भी तुरंत बदलकर अपने को वोट बैंक से सुरक्षित कर लेती हैं | भारतीय जनता पार्टी को ही देखिये ,एक जनसंघ रूप मैं हिन्दू राष्ट्र बाद हिन्दू विचारधारा, हिंदुस्तान की पक्षधर अपने आप को न बचा पाने के कारण जल्द से जनता पार्टी के रूप मैं ,फिर भारतीय जनता पार्टी के रूप मैं ,सब कुछ कांग्रेस की विचारधारा पालिसी ,लोहिया ,गांधी ,सब कुछ बदल कर सत्तारूढ़ होकर अपने को गिरगिट की तरह बदल चुकी है अब कौन कह सकता है यह कांग्रेस का डुप्लीकेट नहीं है | नेहरू परिवार को प्रबल प्रतिद्वंदी मानने वाली आज नेहरू के चिराग से ही अपना घर रोशन कर रही है | …………………………………..अरविन्द्र केजरीवाल को देखिये ,एक इंजीनियर ,प्रसाशक ,समाज सेवी ,भ्रष्टाचार विरोध से अन्ना आंदोलन ,फिर पार्टी गठन जीत ,सरकार बनाई ,लोक सभा चुनाव मैं रंग विरंगे रूप लेकर आज फिर कोई न कोई रंग प्रतिदिन नजर आ रहा है | इससे कम समय मैं शायद कोई गिरगिट ही अपना रंग बदल सके | और इतनी उचाईयों को पा सका हो | …….भारतीय जनता पार्टी को टेक्नोलॉजी से ,मीडिया से कैसे सत्ता पाई जा सकती है यह गुरु मन्त्र भी केजरीवाल ने ही दिया ..| लेकिन क्या किया जाये छोटा गिरगिट से बड़ा गिरगिट शक्तिशाली होगा ही बाजी मार गया | वर्ना आज प्रधानमंत्री अरविन्द्र केजरीवाल ही होते | टेक्नोलॉजी चीज ही ऐसी होती है खोज कोई करता है व्यावसायिक लाभ कोई लेता है | …………………………………………………………………………………...ओम शांति शांति शांति
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