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देवरानी सरकार.. या ..जेठानी सरकार

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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आज स्वर्ग मैं इंदिरा गांधी पूर्ण संतुष्ट होंगी कि उनकी दोनों बहुएं बारी बारी से सत्ता सुख भोग रही हैं | कोई बात नहीं जेठानी दो बार सत्ता से चिपकी रही अंततः उसने देवरानी को अपनी बारी देनी ही पडी | अब देवरानी भी दो पारियां खेल लेगी | या छोटी है तो एक कम भी चल सकती है | वंश की कोई न कोई तो सत्ता मैं है इतना ही बहुत होता है | कुछ अंतराल के बाद दोनों चचेरे तैरे भाई बारी बारी से सत्ता सुख भोगेंगे | महान कूटनीतिज्ञ जवाहर लाल नेहरू जी की कूटनीति चाणक्य या मुगलों से उत्तम ही रही है | सूर्य वंश या चन्द्र वंश के बाद ही नाम होगा | अब लम्बा चौड़ा नाम लेने की आवश्यकता नहीं होगी | देवरानी सरकार या जेठानी सरकार ही काफी होगा | देवरानी सरकार की उप्लभ्धियां या जेठानी सरकार की उपलब्धियां | कमियां भी इसी तरह पहिचानी जा सकेंगी | आखिर मधुमक्खियों ,चीटियों ,चीटों ,या दीमकों मैं भी तो सर्वश्व रानी ही तो होती है | झुण्ड वहीँ आ जाता है जहाँ रानी होती है | संगठन मैं ही शक्ति होती है संगठित होने के लिए भी रानी तो चाहिए ही | जनतंत्र मैं भी वोट तो चाहिए ही वोटों के लिए रानी बनाये रखना एक आकर्षण भी होता है | और जिस रानी का इतिहास वंश भी देश के लिए न्योछावर ,समर्पित ,सम्मानित संस्कारी हो | क्या फरक पड़ता है सरकार कोई भी हो, है तो अपनी ही | शतरंज मैं भी रानी सबसे शक्ति शाली ही होती है | जनता को भी लुभाने के लिए अच्छा ही है कि देवरानी ,जेठानी बारी बारी से अपना खेल खेलती रहें | वंश वाद की आलोचना करने वाले भी मुस्करा कर यही कहते हैं कि यह तो चुनावी भासण होते हैं | दुनियां की हर सास को यही ताने मिलते आये हैं कि तुम देवरानी को सब कुछ लूटा रही हो या तुम जेठानी को ही अलमारी की चावी दे चुकी हो | बड़ा ही कठिन होता है उन्हें संतुष्ट कर पाना | लेकिन इंदिरा गांधी जी ने अपनी कूटनीति से सब कुछ कर दिखाया | अब देवरानी या जेठानी कोई सिकवा नहीं कर सकती हैं | देवरानी को तो सर्वगुण संपन्न मजबूत सरकार दी है | बुजुर्गों का आशीर्वाद यही होता है इसीलिये बुजुर्गों की सेवा करना चाहिए तभी फलित होता है | श्राद्ध तर्पण करते रहो तो मरने के बाद भी वंश फलता फूलता है | ……………………………………..अब यह कहना बेकार ही होगा की अटल बिहारी जी की सरकार ,मनमोहन सिंह की सरकार या नरेंद्र मोदी की सरकार सिर्फ देवरानी सरकार या जेठानी सरकार ही कहकर सब समझा जा सकता है | अब प्रतिद्वंदिता सिर्फ देवरानी जेठानी के बीच ही होगी | देवरानी सरकार ने परिमानु बम फोड़े.कारगिल युद्ध जीता और शानदार ताबूत बनाये तो जेठानी सरकार ने दस वर्षों मैं देश का चहुँ मुखी विकास किया ,घोटालों का भी विकास हुआ | देवरानी सरकार के कुशल सर्वप्रिय प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी जी हुए | तो जेठानी सरकार के विद्वान धीर गंभीर अनुभवी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी हुए जिन्होंने अर्थ व्यवथा को नया आयाम दिया | जेठानी सरकार के प्रधानमंत्री कमजोर प्रधानमंत्री हुए तो अब देवरानी सरकार के प्रधानमंत्री वाक चतुर, शेर सा दहाड़ने वाले , सशक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने | जिन्होंने स्वयं तो शेर सा दहाड़ा ,पार्टी को भी शेर सा दहाड़ने वाला अपूर्व शक्तिमान बना दिया | अब मोदी जी को न भी दहाड़ना पड़े तो भी पार्टी समय समय पर दहाड़ती विपक्ष को सहमा देगी | …………………………………………जनता भी अब यही कहेगी जेठानी सरकार ने तो कुछ भी नहीं किया तभी देवरानी सरकार आयी | कुछ समय बाद कहीं फिर यही कहेगी देवरानी सरकार से तो अच्छी जेठानी सरकार ही थी | इतिहास भी ऐसे ही बनेगा मौर्य काल ,मुग़ल काल ,अंग्रेजो का शासन | यानी देवरानी काल ,जेठानी काल | ………………………………………ओम शांति शांति शांति

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