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……भारत की राजनीती मैं राक्षस सिद्ध होकर बदनाम होकर पराजित भी आज बराबर की खुशियों मैं शामिल हैं | क्यों कि वे जानते हैं भारत मैं कट्टरता कभी सफल नहीं हुयी है | जहाँ सूक्ष्म बहुमत दुखदायी होता रहा है ,वहीं अति बहुमत प्राप्त करना भी बिखंडन का कारन बन जाता है | बर्तन मैं ओवर पानी ने छलकना ही पड़ता है | जैसे बड़े लोह चुम्बक से टूटा चुम्बक अपना स्वतंत्र नार्थ और साउथ पोल बना देता है | अंतरिक्ष मैं बड़े गृह से टूटा नया पिंड घूमते घूमते अपना स्वतंत्र नार्थ साउथ पोल मैं विभाजित हो जाता है | अंदरूनी ,विदेशी स्वार्थ फिर तोड़ कर रख देंगे | किस किस को संतुष्ट कर पाएंगे शेर दिल …| कमजोर सरकार बनाने से तो अगली प्रचंड बहुमत वाली ही साकार बनाएंगे | क्यों कि फिर टूटे कण ,शक्तिशाली संस्कारी कांग्रेस पार्टी की चुंबकीय शक्ति से नहीं बच पाएंगे | फिर लोक मैं हमारी ही जय जय कार होगी | जल्दी ही 69 से 96 हो जायेगा | आज का पक्ष फिर विपक्ष बन जायेगा | .ज्योतिस के अनुसार भी पापी राहु की महादशा के बाद ही राम राज्य रुपी गुरु बृहस्पति की दशा आती है और उसके बाद शनि की दुखदायी दशा आनी ही होती है | महान दार्शनिक अरस्तु का चक्र भी ..हमारी सत्ता को फिर लाएगा | हमें राक्षस मानो या देवता कोई न कोई हमें शुक्राचार्य बनकर संजीवनी देगा या माँ दुर्गा शक्ति बनकर सत्ता वापस दिलाएगा ही …………….…………………………. ओम शांति शांति शांति
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