एक सत्य की राह पर चलने वाला हरिश्चंद्र कभी भी अपने सत्य के मार्ग को नहीं छोड़ सकता | भ्रष्टाचार तो विकास का पर्यायवाची होता है विना भ्रष्टाचार विकास कैसे होगा यह चिंता रात दिन अरविन्द्र केजरीवाल जी को सता रही है | सत्य की राह पर अपने लक्ष्य पर अडिग रहकर ही इंजीनियरिंग पास की | किन्तु क्या किया जाए , इंजीनियरिंग विधा एक ऐसी विधा है जिसमें सत्य को छोड़ना पड़ता है माँ की , बहिन की , गाली देने वाले ,ऐसी तैसी करने वाले भ्रष्ट से ही इंजीनियरिंग विधा भरी पडी है | अंत से पाहिले ही खीजकर यह लाइन छोड़ दी | सोचा अब एडमिनिस्ट्रेशन मैं जा कर ही सब को सुधारूंगा | और आई ए अस किया किन्तु भ्रष्टाचार कहाँ पीछा छोड़ता यहाँ तो और भी भयानक लगा | अब उससे भी ऊपर जाकर सुधारूंगा यही सोच अन्ना जी की शरण से मार्ग बनाते ,विरोध होते भी राजनीती मैं घुसे और अपनी इंजीनियरिंग टेक्नोलोजी और प्रसाशनिक क्षमता से दिल्ली फतह की | किन्तु अल्प शक्ति और भ्रष्टाचारियों से भयभीत और भी ऊँचा लोक सभा की ओर मार्ग बनाते मुख्यमंत्री पद छोड़ा | शायद भ्रष्टाचारियों से लड़ने की और भी शक्ति हासिल हो जायेगी | लगता है भगवन और भाग्य भी साथ ही देता लग रहा है | पितरों का आशीर्वाद भी साथ है | तभी तो सब कुछ रास्ता अपने आप बनता जा रहा है | ……………………लगता है प्रधानमंत्री पद पर भी, गाईड फ़िल्म मैं देवानंद की तरह बैठा दिया जाऊं | हे भगवन जिन झंझटों से बचते | असत्य भ्रष्ट लोगों से बचते पलायन करता रहा फिर जिम्मेदारियों का पहाड़ मेरे ऊपर डाल दिया जायेगा | दिल्ली से बचते यह सोचा शायद बात आई गयी हो जायेगी | किन्तु प्रबल जन समर्थन दीखते अब अपने कंधे मजबूत करने ही होंगे | अब यही सोचना होगा ,चिंतन करना होगा कि कैसे फिर असत्य ,भ्रष्ट लोगों से ,भयंकर जिम्मेदारियों से सम्मानजनक रूप से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को आरोपित ,बदनाम करते चैन की नींद ली जाये | क्यों की कण कण मैं जन जन मैं व्याप्त हो चूका भ्रष्टाचार अब विकास का पर्याय बन चूका है | विना भ्रष्टाचार विकास कैसे होगा ..? भ्रष्टाचार हटेगा तो विकास कैसे होगा | घर भ्रष्ट ,नाते रिश्ते भ्रष्ट ,मोहल्ले भ्रष्ट ,जाती भ्रष्ट ,धर्म भ्रष्ट ,नेता भ्रष्ट ,राजनीती भ्रष्ट ,मीडिया भ्रष्ट ,डॉक्टर भ्रष्ट ,इंजीनियर भ्रष्ट ,वकील भ्रष्ट लगता है भ्रष्टाचार एक जीवन का सत्य होते अंग है | क्या राज तंत्र के राजाओं की तरह ही मीडिआ पर अंकुश लगाते सिर्फ धर्म ,सत्य ,अहिंसा ,नैतिकता ही दर्शाना ही कानून हो | किसी पुलिस स्टेशन की तरह मीडिया अपने धार्मिक ग्राफ ही दरसाए | तभी यह हो सकता है | किन्तु मीडिया पर लगाम न लगाई तो वह सत्य तो उजागर करेगा ही साथ ही स्टिंग ओप्रेसन करते और भी ग्राफ को बढ़ाता जायेगा | फिर कैसे केजरीवाल जी भ्रष्टाचार विहीन समाज राष्ट्र बना पाएंगे | इससे अच्छा तो यही होता कि भाग्य हीन की तरह मैं भी चुनाव बुरी तरह हार जाता | और आम जनता ,लोग एक स्वप्न की तरह केजरीवाल को भूल जाते | एक भ्रष्ट भ्रष्ट चिल्लाने वाला जीव मात्र ही रह जाता | राजा लोग तो धर्म की स्थापना के लिए मीडिया से लेखकों से सिर्फ राज्य की राजा की स्तुती ही लिखने की आज्ञा देते थे | लेखकों का धर्म सिर्फ स्तुती लिखना ही होता था | तभी तो अन्य राज्यों मैं ,देश मैं यह लगता था कि वहाँ एक महान राजा है जहाँ राम राज्य कायम है | अब भारत मैं तो दुनिया का महान लोक तंत्र माना जाता है | कैसे इस मीडिया से निपटा जाये की भ्रष्टाचार विहीन राष्ट्र का प्रधान मंत्री अरविन्द्र केजरीवाल निष्कंटक रूप से राम राज्य सा केजरीवाल र्राष्ट्र की मिसाल देता रहे | लोक तंत्र मैं तो कुछ मीडिया वाले लोगों को पटाया जाता है तो वहीँ कुकुरमुत्तों की तरह ही विरोधी मीडिया वाले लेखक उग आते हैं जिससे स्तुतिगान करना व्यर्थ होता चला जाता है | एक धर्म होता तो दूरदर्शन या समाचार मैं घोषित कर दिया जाता क़ि राजा का या राजा के आदेश का उल्लंघन अपराध के साथ नरक गामी करेगा | राजा की स्तुती ही करना धर्म घोषित कर दिया जाता | लेकिन क्या किया जाये विभिन्न धर्म होने के कारण यह करना भी मुमकिन नहीं होगा | अब तो यही विचार करना पड़ेगा क़ि कैसे सम्मान जनक त्यागपत्र दिया जाये | जिससे अपने मान सम्मान को अमर किया सके |………………………………………….ॐ शांति शांति शांति
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments