Menu
blogid : 15051 postid : 689931

चिड़िया फुर्र …शेर दहाड़ता रह अकेला ..contest

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
  • 216 Posts
  • 910 Comments

मेनका गाँधी जी ,आप तो ज्ञानी ,पर्यावरण मंत्री , वन्य जीवों की रक्षक ,जानकार हो फिर कैसे राहुल को चिड़िया और मोदी को शेर की पदवी दे डाली | …………………..क्या भतीजे से आत्मीयता जाग्रत हो गयी या लंबे अंतराल के बाद सम्भासन से जवान फिसल गयी | यह तो आपने कांग्रेस की,राहुल की आलोचना ना कर उसकी गुणगान ही कर डाला | राहुल को चिड़िया ,जो सर्व जन की प्रिया ही होती है सदा स्वयं चहचहाती, मन को लुभाती रहती है ,सदैव झुंड में ही रहती ,लोकतंत्र का प्रतीक ही लगती है | चिड़िया रंग विरंगे रूपों में, विभिन्न आकारों में भारतीया लोक तन्त्र सी ही नजर आती है | किसी का मन नहीं दुखाती,सुबह उठते ,शाम होते भी ,चहचहाते मानो इस दुख भरे जीवन में मानो सुखों का अहसास करती कहती है ,घबराओ मत दुखों की रात बीत गयी सुखों के सवेरा का आगमन हो चुका है जागो जागो ..| शाम को लगता है कि कह रही है मत घबरा , दुखों से मत घबरा ,रात बीतने दे सुखों का सूरज अवश्य उगेगा |

यदि राहुल चिड़िया है तो ऐसी चिड़िया जीवन भर सभी की दिन रात सुखमय करती रहे | शायद् यही भावनाएं मन समुद्र से आत्मीयता से फ़ूट ही पड़ी | दिमाग कुछ भी सोचे मन के भाव स्वभाविक ही उजागर हो ही जाते हैं | एक सर्व जन मनमोहनी चिड़िया ही तो हमारे बीच मन लुभाते दस वर्षों से शासन करती रही है | ……………………………………………………दूसरी ओर नरेन्द्रा मोदी जी ,शेर हैं शेर सा दहाडते हैं | भाव भंगिमा रूप भी शेर सा ही है | उचित ही बखान किया आपने सम्पूर्ण विश्व भी उनकी शेर सी दहाड़ से गूजायमान हो रहा है | लेकिन आप बन जीवों की स्वभाविक कार्य कलापों से अवगत ही होंगी | शेर राज़ तन्त्र का ,तानाशाही का ,खूंकर्ता ,क्रूरता ,बल शक्ती का ही मूर्त रूप होता है | जिसकी भावनाओं पर विश्वास नहीं होता ,कब क्या कर बैठे ..? हमारे प्रजातंत्र में ऐसे भयंकर रूप ,भावनाओं वाले ,भयंकर दहाडने वाले शेर तो डरावने ही लगेंगे | लोग भय से भयभीत होते घरों में छुप ही तो जायेंगे | या दबंग लोग अपनी दुनाली निकलते सावधान हो जायेंगे |……………………………..मेनका जी आप दयालू हों। शायद आपकी दयालुता ही सत्य को उजागर कर गयी | आपके सत्य से भारत की आम जनता बहुत आभारी महसूस कर रही है | भगवान आपको ऐसे सत्य उजागर करने की शक्ति समय समय पर देती रहे | …………………….ओम शान्ती शान्ती शान्ती

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply