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मैं ही हरिश्चंरावतार ,अरविन्द्र केजरीवाल ,contest

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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मंहगाई या भ्रष्टाचार रूपी ज्वर ताप का इलाज तीब्र दवाईयों ,नरेन्द्र मोदी या अरविंद केजरीवाल रूपी तीब्र एंटीमंहगाई या एंटी भ्रष्टाचार रूपी दवाओं द्वारा करना देश के लिए १९७५ /७७ की जनता पार्टी रूपी एंटी बाइयोटिक दवा ना बन जाए | एकदम गिरा ज्वर जीवन को फिर घातक ना बना दे | स्थिर सरकार बिना मंहगाई कहाँ पँहूचेगी ,इस भय से आर बी आइ के गवर्नर रघुराम जी भयभीत कर ही चुके हैं | नरेन्द्र मोदी की स्थिर सरकार की ओर दौड़ती गाड़ी पर अरविंद केजरीवाल रूपी स्पीड ब्रेकर भयभीत कर ही चुके हैं | भयंकर दहाड़ ,म्याऊँ मैं तब्दील होती नज़र आ रही है | अरविंद केजरीवाल का ‘ आप’ वह मार्ग है जो अनजान मार्ग पर बनता जा रहा है | कहाँ से आएँगे हरिश्चंद ? होगा वही जो जनता पार्टी के समय हुआ | अपने आप को हरिश्चंद्र सिद्ध कर जनता को भ्रमित कर ही चुकी है अरविंद्र केजरीवाल की ‘आप ‘..| ………………………………….. क्या है..? कौन है..?.. क्या पहिचान है..? हरिश्चंद की .. ? सत्य वादी राजा हरिश्चंद्र सत्य सदाचार के पर्याय ही रहे हैं | जिन्होंने सत्य के लिए अपना राजपाट ,पत्नी ,पुत्र को भी त्याग दिया था | एक आदर्श सत्य की स्थापना की | जिस नाम हरिश्चंद्र को रख कर माता पिता अपने पुत्र पर गौरव अनुभव करते रहे हैं | स्थापना सतक से भी आगे पहुँच चुकी कांग्रेस का भी हरिश्चंद्रावतार धोती कुर्ता और टोपी मैं हुआ | जिसको जनता आज तक हरिश्चंद्रावतार मान कर ही पूजती रही है | बड़े बड़े महान हरिश्चंद्र कांग्रेस मैं आते जाते रहे | …………………………. भारतीय जनसंघ ने अपने को हरिश्चंद्रावतार सिद्ध करने का प्रयास किया | कांग्रेस को छद्म हरिश्चंद्र सिद्ध कर सत्ता हथियानी चाही | किंतु अटल बिहारी बाजपेयी जी के लाख मनमोहक संभाषणों से ,ना ही दीपक की साधारण लौ से ही ,जनता को ,आम जन को विश्वास हुआ कि जनसंघ ही हरिश्चंद्रावतार है | तब भाग्य से फूटे छींके से भारतीय जनता पार्टी के रूप मैं जनता ने हरिश्चंद्र को पहिचाना | लेकिन तू नहीं मैं की छीना झपटी मैं , फिर जनता का विश्वास खोया | तब राम की शरण मैं जाकर एक बार फिर अपने को हरिश्चंद्र सिद्ध कर सकी भारतीय जनता पार्टी ..| सारी जवानी अपने को हरिश्चंद्र ना सिद्ध कर सके अटल बिहारी बाजपेयी जी ७० वर्ष की उमर मैं ही अपने को हरिश्चंद्र सिद्ध कर प्रधानमंत्री पद पा सके | जो काम एक दीपक की टिमटिमाती रोशनी नहीं कर सकी वह कीचड़ मैं उगे कमल के फूल ने कर दिखाया | ………………………………………………………………………………….लेकिन कमल का फूल अब पुराना हो चुका है नरेन्द्र मोदी रूपी संजीवनी से पुनर्जागरण किया जा रहा था कि एक और कमल (अरविंद्र )खिल चुका है जो अपने आप को असली हरिश्चन्द्रावतार सिद्ध करता जा रहा है | इसने तो पुराने कमल को दुतकार कर स्वयं ही कमल (अरविन्द्र) नाम से अवतार लिया है | ….अब कमल के नाम की पहिचान अरविन्द्र नाम से ही होगी | कीचड़ (आम आदमी ) मैं पैदा कमल चिन्ह नहीं ,वरना सजीव कमल (अरविन्द्र )आ चुका है | इसने झाड़ू से पुराने कमल फूलों सहित पुराने हरिश्चन्द्रों को साफ करना आरंभ कर दिया है | विद्वान जन तो जानते ही हैं, कि यह भी हरिश्चंद्र का छद्म रूप ही सिद्ध होगा | लेकिन भेड सी जनता को समझना मुश्किल ही नहीं कठिन होता जा रहा है | …………………………………………………………………………कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी का मिला जुला रूप ही तो है अरविंद्र (कमल ) का ‘आप’ ….| भारतीय जनता पार्टी का कमल और नैतिकता ,कांग्रेस की टोपी और कूटनीकता …| इसीलिए आप को धोती कुर्ता या कुर्ता पायजामा के साथ टोपी ना होकर कुछ भी पहिनकर टोपी का रूप ही हरिश्चद्रावतार है | ‘ आप’ सत्यवादी ,भ्रष्टाचार रहित व्यक्ति का हरिश्चंद्र रूप माना जा रहा है | यदि आप आम आदमी पार्टी की टोपी पहिने हैं ,तो भ्रष्ट नहीं होंगे या हैं |अंदर से आप कुछ भी क्यों ना हों इससे कुछ लेना देना नहीं | इसीलिए अब आम आदमी बनते हरिश्चंद्र सिद्ध करने की होड़ सी मच रही है | ……………………………………….. असली हरिश्चंद्र तो लाख चीखे की मैं ही हरिश्चंद्र हूँ , कोई विश्वास नहीं करेगा | हरिश्चंद्र तो उसे सिद्ध करना होता है जो हरिश्चंद्र नहीं होता | ……………………………………………………………………………………आख़िर यह आम आदमी होता कौन है ? चाय बेचने वाला ,मजदूर ,किसान ,कम्युनिष्ट ,इंजिनियर , डॉक्टर , आइ. ए. एस., बकील ,व्यवसायी ,नेता विहीन ,या वेरोज़गार ……..? ……………………….. महात्मा गाँधी जी ने भी एक छोटी सी धोती कुर्ता ,और टोपी पहिनकर अपने को आम आदमी सिद्ध किया था | जिनकी देखा देखी सारे कांग्रेसी आम आदमी बनते चले गये और सत्ता सुखी होते रहे | भारतीय जनसंघ आम आदमी नहीं बन सकी, तो उसने भारतीय जनता पार्टी का रूप धारण कर कीचड़ (आम आदमी ) मैं कमल खिला कर आम आदमी बनी | कॅम्यूनिष्ट तो आम आदमी के ब्रह्म ही हैं, जिनसे सारे आम आदमी विचारधारा जन्मी | कॅम्यूनिष्ट सुसुप्त होते रहे और समाजवादी पार्टी के रूप मैं मुलायम सिंह जी आम आदमी से जुड़ते रहे ,| मायावती तो दो कदम आगे बहुजन समाज पार्टी बन आम आदमी बनी |कितना मूर्ख भेड सा ही होता है आम आदमी …….’
अब तक विचारों से ,भावनाओं से खेला जाता रहा | अब साक्षात आम आदमी के लूभवन रूप पर फिदा होता जा रहा है ,शायद यही हरिश्चंद होगा ..| सत्ता के लिए ,मुख्यमंत्री पद के लिए ,प्रधानमंत्री पद की लालसा लिए ,संपूर्ण भारत मैं छाने के लिए अपनी सत्य ,बचन ,नैतिकता खोकर ,जिनको परम भ्रष्ट सिद्ध किया उसी के साथ सत्ता सुख भोगने वाले कैसे हरिश्चंद हो सकते हैं | ………………………………………… क्या धूप के साथ छाँव नहीं होगी ..?क्या तवा दोनों तरफ से एक सा होगा ..?……….. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जैसे वरिष्ट हरिश्चंद इस सत्य को जानकर ही इस भष्मासुर को पोषित कर रही हैं | क्या भविष्य मैं ‘आप’ स्वयं ही अपने सिर पर हाथ रख कर जनता पार्टी की तरह ही भष्म होने वाला होगा ..? ‘ आप’ का पोषण किसको घातक होगा ..? किसको संजीवनी ..? क्या अरविंद्र का ‘आप’ सत्य युग मैं ले जाकर पटक कर ,विकास विहीन ,क्षमता विहीन ,सीधा साधा ,हरिश्चंद बना देगा ..? क्या बहुमती भ्रष्ट जन साधारण पर, अकेला अश्तित्व खोता हरिश्चंद्र शासन करेगा या कर सकेगा ..? हरिश्चंद्र की कल्पना प्रकृति के नियमों से बाहर मनुष्य लोक मैं स्थापित हो सकेगी या हरिश्चंद्र फिर से धन बैभव खोता अपने अश्तित्व पर रोयेगा या फिर हरिश्चंद्र मायावती की तरह अपने को बदल ,या जनसंघ की तरह भारतीय जनता पार्टी बन सत्तारूढ़ होता रहेगा ..? हरिश्चंद्र की यह फिर परीक्षा होगी देखें कितना दृढ निश्चय साथ निभाएगा ..’ | सत्यवादी हरिश्चंद्र या पापी हरिश्चंद्र ….? ……………………………………………………अपने को अटल बिहारी बाजपेयी सा बक्ता , कवि ,नेता सिद्ध करने चला कुमार का विश्वास ,अतिक्रमण कर ,ओवर कॉन्फिडेंस मैं बदल कर, राहुल से आमने सामने भिड़ कर ,सारी राजनीती को शर्मसार कर देगा या हरिश्चंद्र मैं ही हूँ सिद्ध कर देगा |………………………………………………………………………………………………………………… ॐ शांति शांति शांति

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