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मेरा अटल ,संकल्प . विकल्प . contest

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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नववर्ष २०१४ ,सर्वत्र सवात्रोन्मुखी,मंगलमय हो | यही सर्वत्र सर्वब्यापी मनोधारणा मुखागृत होती है |………………………………………………………………………………… क्या मै फिर हरिश्चंद्र बन जाऊं ? सम्पूर्ण विश्व यही चाहता है | क्या मैं फिर हरिश्चंद्र की तरह अकेला सत्य का ,धर्म का ,आचार विचार का ,पर्यायवाची बन प्रताड़ना भोगूँ ? मुझे सीधा सच्चा समझ आसानी से उँगलियों पर नचाया जा सके | जुए में भी मेरी चालों को सीधी सच्ची समझ आसानी से जीत लिया जाए | आचार विचार ,व्यव्हार ,व्यापार,राजनीती ,सभी स्थान पर मनचाहा व्यव्हार कर प्रताड़ित किया जाये | तो फिर एक बार २०१४ में सत्य व्यव्हार करूंगा | लेकिन पापी शब्द नहीं हटाऊंगा | क्यों कि पाप शब्द से ही में पापी महसूस होता रहूंगा | अरविन्द केजरीवाल की तरह सत्ता के लिए धर्म ,सत्य से नहीं डीगूंगा | चाहे कुर्सी मिले या न मिले ….| मायावती की तरह सरकारें नहीं बनाऊंगा | जिस ब्राह्मण को गाली देकर निम्न वर्ग के वोट हासिल किये उसी ब्राह्मण क़ी भक्ती से प्रधान मंत्री बन्ने क़ी चाहत है | …………………………….(२) किसी भी स्त्री को दुखी नहीं करूंगा चाहे स्त्री कितनी भी कामातुर क्यों न हो | काम प्रसंग नहीं करूंगा | न ही काम प्रसंग वाले स्थानों पर जाऊँगा | नाही काम प्रसंग वाले दृश्य देखूँगा | किसी भी कामातुर स्त्री के दिल को दुखाऊँगा | क्या यह सम्भव है ..? तो यह अवस्य ही ऐसा करूंगा | जो करता भी आया हूँ …| चाहे समाज से कितना भी क्यों न कट जाऊं ..| समाज मुझे अछूत ही क्यों न मान ले ..| हरिश्चंद्र मान दुत्कारे या खामोशी छा जाये | टी वी ,मोबिल ,इंटरनेट , फ़िल्म ,या अन्य दृस्य बंद कर हरिश्चंद्र का भूत मानने लगे साधारण जन …| …………………………………………………………………………(3) किसी भी ब्लॊगर की आलोचना नहीं करूंगा | चाहे अच्छा लगे या बूरा ..| सार्थक हो या निरर्थक ..| सदैव वाह वाह करके प्रोत्साहित करूंगा | ……………………………………………………….आलोचना तो दबंगों की शैली होती है मैं तो हरिश्चन्द्री व्यंग ही करूंगा | के पी सक्सेना सी चुटीली …..| या खुशनुमा खुशवंती शैली में ….| न काहू से दोस्ती , न काहू से बैर …|………………………………………(4) मैं कितना भी पापी हरिश्चंद्र लिखता हूँ या प्रचारित करता हूँ कोई मानने को राजी नहीं होता कि मैं पापी हूँ | मुझे हरिश्चंद्र समझ वेबकूफ बनाता चला जाता है | मेरे जानने वाले कभी विश्वास ही नहीं करते ,में शराबी ,जुआरी ,लफंगा ,गाली गलोज ,लड़ाई झगड़ा आदि करता हूँगा | कोई भी मेरे ऊपर अपने बच्चों ,लड़कियों , बीबीयों , बहनों ,व्यवसाय ,या धन दौलत तक भी विश्वास पूर्वक छोड़ जाते हैं | मैं लाख कहता रहता हूँ कि मैं बहुत ही आधुनिक ……….हूँ ..? लोग मानते ही नहीं | मजबूरन मुझे अपने नाम में पापी जोड़ना पड़ता है | पता नहीं ऐसा क्या है इस नाम हरिश्चंद्र में ..? क्या अरविन्द केजरीवाल पर इतना विस्वास किया जा सकता है ..? जो सिर्फ मुख्या मंत्री की कुर्सी पर ही फिसल गए | पता नहीं देश को कहाँ तक रसातल में ले जायेंगे या भारत को स्वर्ग में स्थापित कर देंगे | …………………………………………………………………………………………(5) भारतीय राजनीती की ,भारतीय राजनीतिक पार्टियों की जननी कांग्रेस ,जिससे राजनीती ने ,भारतीय समाज ने ,धर्म ने ,जातिओं ने ,बहुत कुछ सीखा | जीने की कला ,कूटनीतिक चालें ,सीख अपना ,अपनी जाती का ,धर्म का ,पार्टी का राज्य का ,देश का उद्धार किया , उसका साथ नहीं छोड़ूंगा | जिसको भ्रष्ट कह बदनाम किया जा रहा है भ्रष्टों द्वारा ….| क्यों कि मैंने भी पापी हरिश्चंद्र बनना है | जीना है | लोग मुझे भी विकसित पापी हरिश्चंद्र समझें ,यही मेरी धारणा है |………………………………….(6) राम के नाम को वोटों में भूनने वाली भारतीय जनता पार्टी को पीपल के पत्तों में राम नाम लिखने क़ी सलाह दूंगा | हर वोटर को एक पीपल के पत्ते में राम नाम लिख कर लाना होगा , तभी उसे सत्ता मिल सकेगी यदि सत्ता मिली तो मुझे भी मुक्ती मिल ही जायेगी | वर्ना भारतीय जनता पार्टी राम नाम से झूठ बोलते बोलते हरिश्चंद्र को मार ही डालेगी | न मंदिर बना न आशाराम क़ी मुक्ति हो सकी | …………………………………………………………………….ॐ शांति शांति शांति

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