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काम एक ऐसी प्राकृतिक आवश्यकता है जिससे कोई भी जीव अछूता नहीं रह सकता है |यह जीव की प्रकृति जन्य आवश्यकता है |संयम एक ऐसा शब्द है जो शब्द कोषों या भाषणों में ही मिलता है | भगवन शिव ही कामदेव को भष्म कर सके हैं ,वे तपश्वी थे भगवन थे और परमेश्वर थे | काम एक अश्त्र के रूप में भी उपयोग किया जाता रहा है | इन्द्र ने भी इसे अश्त्र के रूप में रूपसी अप्सराओं द्वारा ,बड़े बड़े महान तपस्वीयों की तपश्या भंग करवा कर अपने इंद्रासन सुरक्षित रखने के लिए किया ,…………………………………………………………………………………………..एक साधारण सा असंयमित मनुष्य कैसे अपने पर संयम रख सकता है ,जहाँ सर्वत्र अप्सराओं का साम्राज्य हो चूका है | घर ,बाहर ,पडोश ,ऑफिस ,स्कूल कॉलेज ,टी वी ,मोबाइल ,इंटरनेट ,फ़िल्म ,पत्र ,पत्रिकाए ,कहाँ नहीं अप्सराएं बड़े बड़े महान सक्षम व्यक्तियों की तपश्या को भंग करने के लिए नाना प्रकार की क्रीड़ाएँ करती नजर आती हैं | क्या करे सक्षम पुरुष ? कैसे अपने को संयमित रखे ? तालमेल हो जाता है तो उत्तम …नहीं तो उत्पीड़न ,यौन शोषण आदि का आरोप लगा तपश्या को भंग कर सब कुछ चौपट कर दे रही हैं |……………………………………………………..एक समय था जब ब्रम्ह्चर्य का पालन धर्म था | गुरुकुल वीराने में होते थे | जनेऊ संस्कार करके बालकों को गुरुकुल भेजते ब्रम्ह्चर्य की शिक्षा दी जाती थी | कोई कामोत्तेजक खानपान या दृष्यावलोकन नहीं होता था |………………………………………………..अब कैसे इस समस्य़ा का समाधान हो ;समाज के हर तबके में सर्वत्र काम चर्चाएं ब्याप्त हैं | सर्वत्र अप्सराओं का भ्रमण …अप्सराएं अपने कार्य सिद्धी के लिए रिझाती ,समर्पण करती हैं फिर कार्य सिद्धी नहीं हो पाने पर या अधिक महत्वाकांक्षा ,या किसी बहकावे में आकर महान व्यक्ति पर यौन शोषण ,बलात्कार का आरोप लगते धराशायी कर रही हैं | बड़े बड़े महान धर्मात्मा ,धर्म गुरु ,राजनीतिज्ञ ,गुरु ,गाईड ,मत्री ,राज्यपाल ,ऑफिसर ,साधू महात्मा, जज ,राष्ट्रपति ,कोई भी इनके तीक्षण आघात से नहीं बच पाया है ,सबका मान सम्मान ,और मिलते इंद्रासन को भी इन्होने ध्वस्त कर दिया |,……………………………………………………..महान लोक हित के लिए बनाये नसबंदी कानून पर संजय गांधी जैसे महान कर्मठ नेता को बदनाम किया गया था | पूरे देश को नपुसक बनाने का आरोप लगा कर विपक्षियों ने चुनाव जीत लिया था |,……………लेकिन अब शायद समय आ गया है विना जोर जबर्दस्ती या दबाव ,लालच ,के महान लोग इज्जतदार लोग नपुंसकता प्रमाण पत्र बनवाते नजर आएंगे | और कोई रास्ता नहीं अपने आप को अपने सम्मान को बचाये रखने का .’……………………………प्रमाण पत्र होने पर किसी भी स्त्री से सम्बन्ध होने या घुलने मिलने पर कोई शक नहीं करेगा | कानून भी कोई कार्यवाही नहीं कर पायेगा ,और आरोपण करने वाले स्वतः ही मुँह मोढ़ लेंगे ,…………………..कुछ समय बाद प्रमाण पत्र बनवाने वालों की लाइन भी लग सकती है | विन अप्सराओं के तो संसार में रहा नहीं जा सकता है | फिर कोई यौन शोषण का आरोप लगाएगी भी तो तुरंत नपुंसकता का प्रमाण पत्र पेस कर जेल कोर्ट कचहरी से बचते मान सम्मान को भी बचाया जा सकेगा .|……………………कुछ समय बाद शायद किन्नरों को महान होने का अवसर मिलने लगेगा |…………………………………………………………………………………………………महान संत आशाराम बापू जी कहते रहे कि में तो नपुंसक हूँ | उनकी महान पत्नी भी डिंडोरा पीटती रही किन्तु प्रमाण पत्र न होने से जमानत नहीं मिल सकी |,……………………………………………………………………………………………………..महान बने रहना है तो अब यही साधारण सा रास्ता ही है किन्नरों की तरह लाख चिल्लाओगे ,लाख ताली पीटोगे नपुंसक सिद्ध नहीं होगे |,………………………………………….ॐ शांति शांति शांति ,,
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