Menu
blogid : 15051 postid : 630503

मुंगेरी लाल के हसीन सपने,, या,, खोदा पहाढ़ निकली चुहिया

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
  • 216 Posts
  • 910 Comments

डोण्डीय़ा खेडा गाँव कहाँ है …….? राजा राव राम बक्श सिंह का खजाने वाला किला कहाँ है…… ? यह बताना अब आवश्यक नहीं रहा , सोभन सरकार का सपना क्या था यह भी सभी जान चुके हैं ,,…………………………………………………………………………….कौन होगा इस खजाने का वारिस ,,,,? राजा के बंसज ,,,? सोभन सरकार ,,,?उन्नाव जिला ,,,? उत्तर प्रदेश सरकार ? भारत सरकार ,,,? या खजाना मिलते ही लूटपाट शुरु हो जायेगी …………………………………………………………………………….. क्या हुयी होंगी संभावनाएं ,……..क्या होंगी ,,? ……………………………………………………………ए एस आइ,और सर्वे ऑफ़ इण्डिया जैसी भारत सरकार की संस्थाएं ऐसी खोजपूर्ण कार्यवाही करती रहती हैं ,,बाबा या किसी राजनीतिक गुरु को इसकी भनक लगी ,और उन्होंने ढीडोरा पीटकर हमारे उन्नत मीडीया को आकर्षित किया ,खाशतौर से हमारे इलेक्ट्रोनिक मीडीया को ,,,………………………..जिसको अपनी टी डी पी बढ़ाने के लिए ऐसी ख़बरें चाहिए ,,,सो उन्होंने बाबा के सपनो को खुलकर प्रसारित करना शुरू कर दिया ,,,…………………………………………………………………………………………………….पहले आशाराम का सदाबहार सब्जेक्ट तलास कर भरपूर लाभ उठाया ,………………………………………………………………………………………… अब खजाने का एक और सदाबहार सब्जेक्ट ढूंढा निकाला…………………………….खजाना हो न हो मिले ना मिले …मीडीया तो भरपूर कमाई कर ही लेगा ,,……………………आशाराम के एक्सक्लूसिव एक चेंनेल था ………………………………तो खजाने का एक्सक्लूसिव दूसरा चेंनेल है ,,,……………….साथ में तैयार हुआ एक एडवेंचरस माहोल ………………………………..जो महीनो ही नहीं सालो तक पोषित करता रहेगा ..एक उत्सुकता बनाये रखेगा ,………………………………………………………………………..प्रश्न यह उठता है कि अगर खजाना होता या ऐसा सपना किसी को दीखता तो वोह इस सपने को क्यों नहीं खुद भुनाना चाहता क्या वोह इस खजाने का भागीदार किसी को बनाना चाहेगा ,………………………………………………………………………………………………………सपने ऐसे दिखाए जा रहे हैं जैसे शेखचिल्ली या मुंगेरी लाल के सपनो जैसे ,….सपने देखो और अपनी नींद भगाओ,…,,,………………………………………………………………….,अंत में होगा वही ………………………………………………………………………………………. खोदा पहाढ़ निकली चुहिया ,,……….. ………………………………………………………….यह है हमारा भारत देश महान ,,, …………………………………………………………………………………….. जहाँ एक धर्मी कर्मी महान सशक्त संत आस्था और श्रद्धा के उत्पादक बाबा के सम्मान की धज्जीयां सुनियोजित ढंग से उढाई जा रही हैं…………………………………………… राम के नाम पर वोट बैंक बनाने वाले ,हिन्दू धर्म के संरक्षक कहे जाने वाले ही मुंह मोड़ कर बैठ कर अन्य बाबा के सपनो में खो गए है ………………………………………………….एक स्वप्न जिसका कोई अश्तित्व नहीं होता है ऐसे ही संत धर्मी बाबा को महत्व देकर उसके स्वप्नों पर पूरा देश ,सरकार ,ऐ एस आई ,एस ओ आइ ,सम्पूर्ण मीडिया ,राजनीती ,राजनीतिक पार्टियाँ ,झूम झूम कर अपना अपना स्वार्थ सिद्ध करने लगी है ,,,,,,,,,,,लोग कहानी किस्सों,उपन्यासों में जैसे खजाने को पाने को पागल होते है वैसे ही सारा जन समुदाय पागल होता जा रहा है ,………………………………………………………………………………………………… सबसे बड़ी विडम्बना यह हो रही है की खजाना मिलने से पाहिले ही दावेदारीयो के लिए लडाईया आरम्भ हो चुकी है ,,..और पैसे के उपयोग के सपने साधारण जन से राष्ट्रीय स्तर पर देखे जा रहे है दुनिया की सर्व शक्तिमान आर्थिक ताकत बन्ने का ख्वाब देखा जा रहा है अर्थ ब्यवस्था एक दम मजबूत स्तिथि में पटरी पर आने के सम्भावनाये ब्यक्त की जा रही है ,,………………………………………………………………………………………क्या पागल और वेबकूफ लोगो का देश है यह ? ……………………………………………………………….क्या इस देश में बुद्धिजीवी या वैज्ञानिक नहीं हैं जो एक बाबा के सपनो पर नाचने को मजबूर हो रहे है ,………………………………………………………………………………………………………क्या विश्व पटल में ऐसा विकास शील कहा जाने वाला देश मजाक का पात्र नहीं बन रहा है ,,………………………………………………………………………………………………..यह कोई कहानी किस्सा ,या उपन्यास नहीं यह एक सत्य धरातल पर हो रहा है ,,,……………………………………………………………………………………………………वाह रे इलेक्ट्रोनिक मीडिया तेरे रूप हजार ,,कमाई के साधन लाख ,तू एक संत को पापी सिद्ध कर धरातल में ही नहीं रसातल में पंहुचा सकती है और जिसको चाहे संत ही नहीं इन्द्रासन भी दिला सकती है भगवान भी सिद्ध कर देती हो ,………………………………,आज का सर्वसक्तिमान भगवान तुम ही हो,,,,,,, जय हो ,,जय हो ,,जय हो ,,,,,……………………………………………………………………………,राजनीती तुम ही से है धर्म कर्म तुम ही से है …जय हो.. जय हो ..जय हो ,,,,……………………………………………………………………………ॐ शांति.. शांति …शांति …….

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply