- 216 Posts
- 910 Comments
लालू ,कहीं गए नहीं यह लालू के मैनेजमेंट का नया दांव है ऐसे समझा जा सकता है कि लालू अपनी डूबती नैया को उभारने की बजाय , नई नैया में सवार हो रहे है उन्हे सहानुभूति बोटों का पूरा भरोसा है किसी भी राज्य में जन आक्रोश सत्तारूढ़ दल के प्रति ही जागता है ,और भ्रमित जनता की सहानुभूति सत्तारूढ़.. जे डी यू ..नीतेश से छिटककर लालू की ओर ही आयेगी ,,लालू जन सामान्य में ये धारणा फैलाने में सफल होंगे कि उन्हें नीतीश और.. बी जे पी …द्वारा फसाया गया ….,ये घोटाला पहले का था ,उच्च न्यायालय में याचिका ठोकना भी इस धारणा को बल देगा ,,,,कांग्रेस द्वारा सहयोग प्रत्क्षाया में न होगा ,,,अप्रत्क्षाया में वो झांसे में रखेगी ,,,,पहले तो सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों को बचाने का अध्यादेश ही सर्वसंमती से पारित होने की सम्भावना लग रही है ,,,,,लालू जेल में रहें या बाहर ,सांसद रहें या न रहें कमांड तो उन्हीं की रहेगी ……………………..कांग्रेस विहार की कमजोर राजनीतिक स्तिथि का फायदा उठाने के लिए किसी भी दल से तालमेल नहीं कर ,अपने दम पर ही ताल ठोंकेगी ,,इस स्तिथि में कांग्रेस को लाभान्वित होने की सम्भावना रहेगी,,,,,, नीतीश जे डी यू ,,व ,,,,बी जे पी ,,गठबंधन विखर चुका है जो साथ साथ ही अश्तित्व बना सकते है अन्यथा जीरो ही सिद्ध होंगे ,……………….लालू को कमजोर और दागी समझ कांग्रेस,, रा ज द से तालमेल नहीं करेगी ,ऐसी स्तिथि में लोक सभा चुनाव में कांग्रेस लाभ में रहेगी ,,,वहीँ विधान सभा चुनावों में लालू की रा ज द फयदा उठ्येगी , कांग्रेस दोनों हाथों में लड्डू रखेगी ,लालू और नीतीश दोनों को झांसे में रखकर ,,नीतीश के लोक सभा चुनाव में कमजोर पड़ते ही विधान सभा चुनाव में लालू की रा जे डी फायदा उठायेगी ,,,नैतिकता अनैतिकता सब किनारे रह जायेगी ,,,,,,है न कुशल राजनीतिज्ञ का कुशल राजनीतिज्ञ दाव ,,,…………………………………………….8 .10 . 2013 के बाद का समय , गृह चाल के अनुसार भी उनकी चिंताओं का निवारण करता भय विहीन मार्ग दर्शक होता जायेगा ,……………………
Read Comments