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विश्व शांति दिवश ,,ॐ शांति शांति शांति

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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क्या शांति दिवश मनाने से विश्व शांत होगा ,,? शांति दिवश .कहाँ मनाया गया कहाँ मनाया जायेगा किसी को नहीं पता ..न पत्र पत्रिकाओं में ,न किसी .न्यूज़ चैनल्स में कोई समाचार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,महान दार्शनिक ,चाणक्य ने कहा था दौलत कमाओ या न कमाओ ,अपने घर में सुख शांति और प्रशन्नता अवश्य लाओ जो ब्यक्ति अपने घर में सुख शांति नहीं रख सकता वो उन्नति नहीं कर सकता घर वोही है जहाँ शांति हो ,अशांत मन ,ख़राब स्वास्थ,अविवेकी ,बनाता है फिर उन्नति कैसे कर सकेगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, , ,,,,,शांति क्या मन से होती है या भय से ,,,,,,,,शायद वर्तमान समय में भय से ही होती है भयानक आपदा ,अनहोनी का भय ,आतंकवादी भय ,एक बलवान देश का भय ,कमजोर देशों में शांति ला देता है ,बलवान दादा ,डॉन ,के आगे , प्रशाशन का भय ,ऑफिस में बॉस के भय से ,घर में पिता या अन्य अविभावक के भय से ,खूंखार जानवरों के भय से ,अँधेरे के भय से ,एकांतवाश के भय से ,आदि आदि ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दहाड़ने का काम सशक्त का ही होता है , कमजोर का धर्म शांति से शांत रहते शांति शांति शांति का पाठ करते शांत रहना ही होता है ,लेकिन ये भी सत्य है कि शेर को सवाशेर भी मिलते है ,ये हर जगह मिलते है ,…………………………………………………………………………………………..क्या ये शांति ,शांति कहलायेगी ,शांति वोही होगी जो भय से मुक्त मन की शांति हो ,मन का शांत ब्यक्ति परिवार को शांत करेगा ,परिवार शांत होकर मोहल्ले को ,मोहल्ला शांत रहकर जाति को ,जातिगत शांति शहर राज्य देश को शांत करेगी ,स्वधर्म शांत से दुसरे धर्म शांत होंगे ,………………………………………………………………………………………………………..शांति हर कोई चाहता है लेकिन सत्य ये है कि दुसरे शांत हो यही चाहता है हर कोई ………………अपने प्रतिद्वंदी को शांत करना ही शांति बन गयी है ,…………………………………मन को कैसे शांत किया जाये ,अशांति के करक तत्त्व है काम ,क्रोध ,मद ,लोभ ,मोह ,,,,,,,,,,,धर्म इन पर काबू पाने के लिए ही बनाये गए है ,हिदू धर्म के अनुसार ब्रह्मचर्य ,संध्या ,पूजा ,बनाये गए है जिनका भाव यही होता है कि भगवन हमने जो पाप जाने अनजाने में किये है उनके लिए क्षमा ,और आगे पाप न करने की तौबा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,गायत्री मंत्र का शाब्दिक अर्थ भी यही है ,,,,,,,अन्य धर्मों में भी मन को शांत करने के अलग अलग रास्ते बनाये है ,,,,,शांत मन स्वयं शांत रहते परिवार ,समाज ,जाति धर्म ,देश के लिए ,यहाँ तक कि,, मानवता ,,के लिए भी शांति का कारक बनता है ,,…………..क्या शांति दिवश मनाने से विश्व शांत होगा ,,?शायद कुछ विचार मग्न होंगे देश ,,, एक दिन को ,,,,,……………………………………………………………………..लेकिन फिर देशों की अलग अलग महत्वाकांक्षाएं उन्हे वहीँ वापस कर देती है ,,देश अशांत होंगे तो वहां की राजनीती अशांत होगी राजनीती अशांत होगी तो जनता अशांत होगी ,,जनता के अशांत होने से उनका मन अशांत होगा ,,यानि फिर उलटी गंगा ,,,, ………………………………………………………………………………………………………………एक शांति दूत बड़ी मुश्किल से आ पाता है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,गौतम बुद्धा ,,,,,,महात्मा गाँधी ,,,नेल्सन मंडेला ,,,जैसे कैसे बनाये जाएँ ,,?,……………………………………………………..ॐ भूर्भुव स्व तत्सवितुर्विरेंनयम भर्गो देवस्य धीमहि ,धियो यो न प्रचोदयात ,,ॐ ,,,…………………………………………….सम्पूर्ण विश्व को उत्पन्न करने वाले उन प्रकाशमय परमेश्वर के भजने योग्य तेज का ध्यान करते है ,,जो हमारी बुद्धि को सत्कर्मों की ओर प्रेरित करती है जो तीनो लोकों के परब्रम्ह है ,,,,,………………………………………………………………………………………………………….धर्म की जय हो………………………………. अधर्म का नाश हो…………………………… प्राणियों में सद्भावना हो ………………………विश्व का कल्याण हो ,,,,,,,,,………………………………………………………………सर्वे भवन्तु सुखिन ,सर्वे सन्तु निरामया ,सर्वे भद्राणि पश्चान्तु ,,मां कश्चित् दुःख भागभवेत ,,,,,………………………………………………..ॐ……… शांति….. शांति ……शांति ….

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