- 216 Posts
- 910 Comments
कूप मंदुप ,,यानि कुए का मेढक ,,नरेन्द्र मोदी ही नहीं , भारतीय जनता पार्टी भी कूप मंदुप ही सिद्ध होती रही है ,,,किसी अनुभवी या समझदार ब्यक्ति ने यदि उस स्वर से अलग कुछ सलाह दी तो इन,, कूप मंदुपों ,,को सुनायी नहीं देता ,,कुए के मेंढक की तरह ,अपने ही कुए को सत्य मानते है ,,,हर चुनाव से पहले इतने उत्साहित होते रहे है जैसे प्रधान मंत्री पद मिला ही समझो ,, जनसंघ के युग में भी यही हॉल था ,,, चुनाव प्रचार की प्रचंडता ,,, नैतिकता की दुहाई ,,सत्तारूढ़ कांग्रेस ,,या अन्य की जोरदार खिचाई भी फिर, ढ़ाक के तीन पात ,ही सिद्ध होते रहे है ,,,,,,कारण कांग्रेस की कूटनीतिक सफलता ,, समझदारी वाले फैसले ,,जोड़ तोड़ की राजनीती ,,,हर राज्य में विकल्पी गठ बंधन ,, पुरे देश में फैला, पार्टी संगठन ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नरेन्द्र मोदी की उदघोषणा से पहले ही जद यु नीतेश कुमार ने किनारा किया ,मुसलमान तो अछूत ही मानते है माकपा ,भाकपा ,सपा ,बसपा ,त्रण मूल कांग्रेस ,डी ऍम के ,ऐ डी ऍम के ,से तालमेल नहीं कर सकते ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ हिन्दू वोट वो भी बटे हुए ,,यु पी ,में सपा के मुस्लिम वोट भी अब कांग्रेस की झोली में ही जायेंगे या तालमेल से एक तरफ़ा ही रहेंगे ,मुज़फ्फर नगर कांड ने मुसलमानों को आइना,,दिखा कर सपा का मोहभंग कर दिया है अब उसके लिए सुरक्षित यही होगा की वो कांग्रेश से तालमेल कर चुनाव लड़े,,,इस हालत में मुसलमान भ्रम से मुक्त होंगे और,,,, एन डी ऐ ,,,,, लाभान्वित होगा ,,,हसीन सपने देख कर गौरवान्वित होना अलग बात है धरातल पर आना अलग ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कबूटर और बहेलिया की कहानी में समझदार कबूटर की सलाह न मानकर कबूटर का झूंड जाल में फंसा था ,,,,,,,,,भीष्म पितामह से लाल कृष्ण अडवानी की सलाह न मान उन्हें अपमानित करना रही सही आशाओं पर भी पानी फेरता नज़र आ रहा है ,,जैसे चुनाव जीतने के लिए सब वर्गों के वोटों का मिलना जरूरी होता है वैसे ही मिली जुली सरकार के युग में देश की सारी पार्टिओं में तालमेल बैठना आवश्यक हो गया है ,,,एक अहंकार से ग्रस्त, कूप मंदुप ,विवादित ब्यक्ति को प्रधान मंत्री के लिए नाटकीय ढंग से ,,पी ऍम इन वेटिंग ,,घोषित करना बची संभावनाओं पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आस्ट्रेलियन की क्रिकेट मेच जीतने की चालाकी यही होती है कि दूसरी टीम को आसमान पर चढ़ाकर ,,,या उसे भ्रमित कर उसकी तन्द्रा भंग कर देते है और मेच जीत लेते है यही दशा,, पी ऍम इन बेटिग,, व इसे घोषित करने वाली पार्टी और पार्टी अध्यक्ष की हो रही है ,,,,,,कांग्रेस अपने आप को कमजोर ,कमजोर प्रधानमंत्री वाला , और अपनी खिचाई करवाकर ये अहसास करवा दे रही है कि अब ,,पी ऍम इन वेटिंग ,,प्रधानमंत्री बन्ने ही वाले है यही पिछले दोनों चुनावों में चालाकी कर भ्रमित किया ,,राजनाथ सिंह पिछले चुनाव में भी अड़ियल रुख के कारण सफल नहीं हो सके वोही गलती फिर दोहराते लग रहे है ,,,,,,मन मोहन सिंह जैसे क़ाबलियत में विश्व विख्यात प्रधान मंत्री की खिंचाई का विषय उनका न बोलना या शांत स्वर में बोलना मान कर दहाढ़ते भाषण देकर उनका कद छोटा करके ये सिद्ध नहीं हो सकता कि मोदी ही सक्षम टिकाऊ प्रधान मंत्री होंगे इतिहास गवाह है की ऐसे प्रधानमंत्री कितने टिकाऊ रहे या क्या नया कर गुजरे ,,, जो प्रधान मंत्री महीने सालभर टिक पाये वो क्या अपना अपने देश का या जनता का भला कर पाएंगे ,,,,,,,,,,,,पिचले लोकसभा चुनाव में,, पी ऍम इन वेटिंग,,, का निश्चय न हो पाना असफलता का कारण बना ,वही इस बार घोषित करके भूल सुधर करा भी तो विवादित ब्यक्ति को घोषित करके ,,,,,,जिसके लिए आम जनता ही एक मत नहीं हो पायेगी ,, अपनी पार्टी भी भ्रमित है ,,तो अन्य पार्टियाँ कैसे एक रह पाएंगी ,,,,पहले, पी ऍम ,बनना ही मुस्किल ,,अगर भाग्य से जोड़ तोड़ कर हो भी गए तो कितना खींच पाएंगे ,,,राजनाथ का ये अड़ियल रुख एक बार फिर विपक्ष में बैठने को मजबूर कर सकता है ,,,,,,,,,,,कांग्रेश तो ये भी मानकर बैठी है की कुछ समय के लिए यदि सरकार बना सकते है तो बन्ने दो उठा पटक वाली सरकर कुछ समय बिताएगी और फिर मध्यावधि चुनाव के बाद पूर्ण बहुमत से सरकर बनाकर राहुल गाँधी को सत्तारूढ़ करा स्थिर सरकार दी जाये ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,भगवन राम तेरा सहारा ,,,,,आशाराम उबरें तो वो ही नैया पर लगाये ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बाकि ऊंट किस करवट बैठता है ये समय ही बताएगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ॐ ………….शांति ………..शांति…………….शांति ………………जाप करते ऊंट की करवट का इंतजार करने में ही भलाई है ,,,,,
Read Comments