Menu
blogid : 15051 postid : 590852

डॉग का भौंकना और उसका व्यवहार

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
  • 216 Posts
  • 910 Comments

कुत्ता एक बहुत ही समझदार बफादार प्राणी है उसका धर्म है भोंकना. वो निर्विकार निराधार भोंकता ही रहता है ,एक सबल कुत्ता जब गली के मुहाने पर भोंकना सुरु करता है तो अन्य कमजोर कुत्तों ने अपने धर्म का पालन करते हुआ भोंकना अवश्यक होता है कुत्ता कियों भोंक रहा है यह भी एक फिलाश्फी है अगर साफ़ सुथरे कपड़ो मै कोई स्वस्थ ब्यक्ति दीखता है तो नहीं भोंकना है .यदि कोई भागता नजर आए तो भोंकना है , भागता रहे तो भोंकते रहना है ,,रूक जाये तो सभल कर स्तिथि देखना है कोई प्रहार तो नहीं होगा.

ब्यक्ति डरा नजर आये तो काटने को तैयार होना है ,,यही स्तिथि उस फटे पुराने गरीब लाचार सा ,हाथ मै गन्दा सा थैला लेकर जाता नजर आये तो ,या बड़ी हुई दाड़ीवाला हो तो अवस्य ही भोंकना है मौका मिले अवस्य काट लेना है ,,शोर मचाता सा कोई बाहन जाये वो चाहे कितना बड़ा कियों नाहों अवस्य भागते भोंकते पीछा करना है ,,यह कुत्तों की स्वामी भक्ति की सिक्स सेंसर होती है ऐसा कियों होता है वो नहीं जानता न ही उसने सोचना है.

जिस ब्यक्ति के लिए मालिक ने उकषा दिया उसे तो फाड़ के फाँकने से नहीं हिचकिचाना है वो चाहे बहूत बड़ा नेता. अभिनेता या पहूचा हुआ धार्मिक संत ही कियों न हो  इतना भोंक भोंक के शोर मचाना या काट खाना है की सारे मोहल्ले के लोग धर्मी अधर्मी लोग भी उसे चोर और कुकर्मी समझ कर उसे धुत्कारे और कुत्तो के सुर मै सुर मिलते अपनी मानवीय भाषा मै भोंकने लगे और उसे जेल तक की हवा खिलने से भी न चुके.

इसके लिए उनमे नसल बनानी होती है ब्रीडिंग करके ,,एक नसल वाला कुत्ता वही होता है जिसको जिसका भोंकना सबको अच्छा,लगता है या अपने अपने उपयोग के अनुसार यह सब गुण भी कुत्तो मै अपने आप नहीं आते सबसे खून्कार कुत्ता जर्मन सेफार्ड होता है उसकी ब्रीडिंग ब्रिटिस बुद्दिमान कुत्ते से करके यदि किसी हिंदुस्तानी संस्कारी कुत्ते के यहाँ कुछ समय रखा जाये तो वो जर्मन व ब्रिटिस कुत्ते के मिले गुणों वाला बफादार , खूंखार के साथ मै संस्कारो वाला कुत्ता ही होगा  जो अपने महत्व को ब्रिटिश कुत्ते की तरह ही नहीं उससे भी उचाईयो तक ले जायेगा. उसकी बुद्धिमानी से खूंखार भोंकने की आवाज स्वामिभक्ति के गुरों से परिपूर्ण होगी. जिसका भोंकना पूरी दुनिया ही नहीं भविष्य मै अन्त्रिक्च्या तक गूंजेगा

भोंकते तो जंगल मै सियार भी है जिन्हें ये भी पता नहीं होता कैसे भोंका जाता है कियों भोंका जाता है एक कही दूर भोंकता है तो एक दूर दूसरी दिशा मै बेसुरा अपनी प्रतिध्वनि मै या अपने साथियों के प्रतिउत्तर मै. हमे गर्व होगा ऐसे कुत्ते पर तब हम उसे शांति का जाप करते चुप नहीं करा पाएंगे.

डिस्क्लेमर: उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं। जागरण डॉट कॉम किसी भी दावे, आंकड़े या तथ्य की पुष्टि नहीं करता है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply